श्रावण मास २०२४

अनुच्छेद /पैराग्राफ | शीर्षक |
---|---|
१ | भोलेनाथ का श्रावण मास |
२ | २०२३ में श्रावण मास कब शुरू और समाप्त होता है? |
३ | २०२३ में श्रावण मास में सोमवार कब है? |
४ | मासिक महाशिवरात्रि की तारीख और मुहूर्त कब है? |
५ | श्रावण मास में सोमवार के पूजा की तैयारी. |
६ | श्रावण के सोमवार की पूजा. |
७ | श्रावण मास में क्या नहीं करना चाहीये ? |
८ | शिवलिंग पर जल और दूध क्यों चढ़ाया जाता है? |
९ | श्रावण के सोमवार से जुडी पौराणिक कथा |
हिन्दू धर्म में श्रावण मास के सोमवार का बहुत ही अधिक महत्व होता है। यह पूरा महीना भगवान शिवजी को समर्पित होता है। सोमवार शिवजी का दिन कहा जाता है। इस संसार के तीन प्रमुख देवता है। भगवान ब्रह्माजी ने संसार को बनाया। भगवान विष्णु इस संसार को चलाते है और भगवान शिवजी, जो के मृत्यु के देवता है।
भगवान शिवजी का देवी पार्वती से मिलन और विवाह इस महीने में हुआ था। कहा जाता है की,भगवान शिवजी के विवाह में भुत प्रेत भी शामिल होते है। इसलिए इस मास में सामान्य मानवी के लिए विवाह वर्जित है। इस महीने में भगवान शिवजी का व्रत, उपवास,साधना और पूजा दिल से, पूरी श्रद्धा से और भक्तिभाव से करने से बहुत ही जल्द प्रसन्न होते है। वैसे भी, भगवान शिव जी बहोत ही जल्दी प्रस्सन होते है। इसलिए उनके भक्त उन्हें भोलेनाथ कहते है। इसी भोलेपन के कारण ही उन्हों ने समुद्र मंथन के समय विष पीया। श्रावण मास में भगवान शिवजी की पूजा और व्रत करनेवाले भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करते है।
२०२४ में श्रावण मास कब शुरु और समाप्त होता है?
इस साल श्रावण मास की शुरुआत २२ जुलाई, २०२४, सोमवार को है। श्रावण मास की समाप्ति, १९ अगस्त २०२४ सोमवार को है।
२०२४ में श्रावण मास में सोमवार कब है?
श्रावण मास में ५ सोमवार आते है।
पहला सोमवार : २२ जुलाई २०२४ दूसरा सोमवार: २९ जुलाई २०२४ तीसरा सोमवार:०५ अगस्त २०२४ चौथा सोमवार : १२ अगस्त २०२४ पांचवा सोमवार: १९ अगस्त २०२४
मासिक महाशिवरात्रि, श्रावण अमावस्या और श्रावण पूर्णिमा कब है?
मासिक महाशिवरात्रि महीने की चतुर्थी को आती है। मासिक महाशिवरात्रि, शुक्रवार, ०२, अगस्त २०२४ को है।
श्रावण मास की अमावस्या रविवार, ०४, अगस्त २०२४ को है।
श्रावण मास की पूर्णिमा १९ अगस्त २०२४ को है। जो भक्तजन ५ सोमवार का व्रत नहीं कर सकता उसे मासिक महा शुइवरात्रि का व्रत जरूर करना चाहिए।
श्रावण महीने में भगवान शिवजी की आराधना करने से भक्तो को मनवांच्छित जीवन साथी और संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है और अकाल मृत्यु नहीं होती' है।
श्रावण मास में सोमवार की पूजा की तैयारी

*भगवान शिवजी का शिवलिंग, माता पार्वती, कार्तिकेयजी, गणेशजी और शिवजी के नंदीजी की मुर्तिया पूजा के लिए होनी चाहीए।
*गंगाजल,बिल पत्र, दूध, दही, चीनी, सहद, घी, पंचामृत,कलावा, वस्त्र, जनेऊ, दीप, चंदन, फूल, कपूर,अगरबत्ती पूजा के लिए जरुरी है।
*धतूरा, भांग, चने की दाल, सरसो का तेल, काले तिल, मिठाई, लॉन्ग, पान और सुपारी आदि भोग के लिए अत्यंत जरुरी है।
श्रावण के सोमवार की पूजा

सुबह प्रात काल उठकर,स्नान आदि करने के बाद, घरमे गंगाजल छिड़क कर घर को पवित्र किया जाता है। घरमे पूजा करनी हो तो, घरके पूजा के स्थान पर शिवलिंग, देवी पार्वतीजी, कार्तिक्येजी, गणेशजी और नंदीजी मुर्तिया रखी जाती है।
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और चरणामृत से अभिषेक किया जाता है। शिवजी का प्रिय मंत्र " ॐ नमः शिवाय " का मंत्रोच्चार किया जाता है। बाद में कलावा, वस्त्र,जनेऊ, चंदन, फूल वगेरे चढाया जाता है। एक पात्र में धतूरा, काला तिल, चना दाल, मिठाई, लॉन्ग, सुपारी और पान भोग के लिए रखा जाता है।
धुप, अगरबत्ती, कपूर और दिया जलाकर आरती उतारी जाती है।
मंदिर में पूजा के शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और चरनामृत का अभिषेक करके मंदिर में ही कलावा, चन्दन, जनेऊ फूल, वस्त्र पुजारी को देकर शिवजी को अर्पण किया जाता है। मिठाई, धतूरा, भांग, काले तिल, चना दाल, पान सुपारी और लॉन्ग मंदिर के पुजारी द्वारा ही चढाये जाते है।
मंदिर में शिवलिंग के ऊपर कावड़ियों द्वारा गंगाजल और नदी का जल चढ़ाया जाता है। इस पुरे महीने कावड़िये अपने अपने गांव से निकलते है। लम्बी यात्रा करके गंगा का जल अपने कावड़ में भरकर शिवजी के मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाते है।
इस प्रकार श्रावण महीने में, शिवजी को प्रसन्न करने के लिए मंदिर और घर में पूजा भक्ति की जाती है।
श्रावण मास में क्या नहीं करना चाहीये ?
श्रावन मास शिवजी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। उसमे श्रावण का सोमवार दिन तो सोने पे सुहागा है। मगर इसका फल तब भी मिलेगा जब आप भी नीतिनियम से व्रत करोगे। तो जाने की क्या नहीं करना चाहिये।
* श्रावण मास में सुबह देर से नहीं उठाना चाहिए। हो सके तो प्रातः काल उठकर स्नान कर लेना चाहिए।
* श्रावण मास में दूध,प्याज, लहसुन, बैगन नहीं खाना चाहिए। कही लोग डेयरी प्रोडक्ट्स ही नहीं खाते है।
* श्रावण मास में शराब या कोई भी नशीली पदार्थ का सेवन वर्जित है। सिगरेट भी नहीं पीना है।
* श्रावण मास में कभी भी धर के बड़े बुजुर्ग, माता पिता, बहन, गुरु, लाचार का अपमान नहीं करना चाहीए ।
* श्रावण मास में व्रत के दिन सहवास नहीं करना चाहिए। मन में बुरे विचार भी नहीं आना चाहिए।
* श्रावण मास में अगर आप मांसाहारी है फिर भी नहीं खाना चाहिए। मांस, मच्छी या सी फ़ूड खाना वर्जित है।
* श्रावण मास में शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।
शिवलिंग पर जल और दूध क्यों चढ़ाया जाता है?

देवो और दानवो के बीच समुद्र मंथन हुआ। समुद्र मंथन से समुद्र से कई अनमोल चीजे नीकली। जो देव और दानवो ने आपस में बाट ली। मगर समुद्र मंथन से विष भी निकला। वह कोई लेने को तैयार नहीं था। तब भगवान शिवजी ने वह विषपान कर लिया।
यह देखकर उनकी पत्नी देवी पार्वतीजी ने शिवजी का गला जोर से दबाये रखा। ताकि विष भगवान शिवजी के पेट में न चला जाये। मगर विष का प्रभाव से भगवान शिवजी का गला नीला हो गया। इसलिए भगवान शिवजी को "नीलकंठ" भी कहा जाता है। भगवान शिवजी के विषपान का असर कम करने के लिए शिवजी के भक्त शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक करते है।
श्रावण के सोमवार से जुडी पौराणिक कथा श्रावण मास के सोमवार का महत्व क्यों है?

देवी सती का दूसरा जन्म पिता हिमालय और माता रानी मैना की पुत्री के रूप में हुआ था। इस जन्म में उनका नाम देवी पार्वती था। इस जन्म में भी वो भगवान शिवजी को ही पाना चाहती थी। इसलिए इस जन्म में भगवान शिवजी को पाने के लिए कठोर तपस्या की। देवी पार्वती ने श्रावण मास में १६ सोमवार का निराहार उपवास किया। देवी पार्वती की कठोर व्रत की तपस्या से भगवान शिवजी प्रसन्न हुए और भगववान शिवजी और देवी पार्वती विवाह हुआ।
इसलिए श्रावण मास के सोमवार का अतिशय महत्व है। इसलिए श्रावण मास के सोमवार करने वाले भक्तो पर भगवान् शिवजी की विशेष कृपा होती है। इस मास में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तो की शिवजी हर मनोकामना पूरी करते है। मनवाँछित जीवन साथी की मनोकामना, संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी करते है और जीवनसाथी से अनबन की समस्या में समाधान करवाते है। भक्तो के अकाल मृत्यु को दूर करते है।
आगे का पढ़े : १. १५ अगस्त १९४७ २ रक्षा बंधन
PS. These images are taken from the internet, no copyright is intended from this page. If you are the owner of these pictures kindly e-mail us we will give you the due credit or delete it.
Please do not enter any spam link in the comment box. ConversionConversion EmoticonEmoticon