थायरोइड
थायरोइड भारत में तेजी से फैलाती बिमारी
अनुच्छेद | शीर्षक |
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०१ | भारत में तेजी से फैलती बीमारी |
०२ | थायरोइड के प्रकार |
०३ | हाइपो थायरोइड |
०४ | हाइपो थायरोइड में क्या न खाए? |
०५ | हाइपो थायरोइड में क्या जरुर खाए |
०६ | योगासन |
०७ | एक्यूपंचर पॉइंट |
०८ | हाइपर थायरोइड (Hyper thyroid)के लक्षण |
०९ | हाइपर थायरोइड( Hyper thyroid) में क्या न खाए? |
हाइपर थायरोइड (Hyper thyroid) में क्या खाए? | |
११ | योगासन |
१२ | एक्यूपंचर पॉइंट |
थायरोइड के प्रकार
इस रोग के दो प्रकार है। इसे जानने के लिए Thyroid Function Test कराना पड़ता है। किसी के शरीर में थायरोइड हामोर्न कम पैदा होता है तब इसे हांयपो थायरोइड (Hypo thyroid) कहा जाता है।ज्यादाटार लोग हांयपो थायरोइड (Hypo thyroid) सेकेही शिकार होते है। इससे विपरीत किसी के शरीर ज्यादा थायरोइड हामोर्न पैदा होता है तब इसे हाइपर थायरोइड (Hyper thyroid) कहा जाता है। थायरोइड हामोर्न खून में TSH लेवल से पता चलता है। अगर खून की जांच में खून में TSH का लेवल ०.२७-४.२ ulU/ml के बीच में है, तब उसे नार्मल कहा जाता है। अगर खून की जांच में TSH का लेवल नार्मल से ज्यादा है तो आपके शरीर में थायरोइड के हामोर्न कम बन रहे है। तब इसे हांयपो थायरोइड (Hypo thyroid) कहा जाता है। इससे विपरीत, अगर खून की जांच में TSH का लेवल नार्मल से कम है किसी के शरीर ज्यादा थायरोइड हामोर्न पैदा होता है तब इसे हाइपर थायरोइड (Hyper thyroid) कहा जाता है।
हाइपो थायरोइड (HYPO THYROID)
हाइपो थायरोइड (Hyper thyroid) के दर्दी का पाचन धीमा हो जाता है, इसलिए कब्ज की समस्या होती है।वजन बढ़ने लगता है। हाइपो थायरोइड (Hyper thyroid) के दर्दी में केल्शियम की कमी हो सकती है। कम उमर में बाल झड़ने लगते है।बाल रूखे और पतले हो जाते है। ज्यादा ठण्ड सहन नहीं होती है। जल्दी थकान लगती है। पैरो में सुजन आ सकती है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन आता है। सर्दी झुकाम जल्द होता है। कोलेस्ट्रल लेवल बढ़ता है। बी.पी. और डायाबिटीस की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है।महिलाओं मासिक चक्र में गड़बड़ी होती है। महिलाओंको गर्भ धारण में दिक्कत हो सकती है। गर्भ में बच्चे को समस्या हो सकती है या बच्चे का जन्म ९ महीने से पहले हो सकता है। थायरोइड की बीमारी अनुवांशिक याने वारसागत भी हो सकती है।
हाइपो थायरोइड (HYPO THYROID)में क्या न खाए?
चाय, काफी,ग्रीन टी, चीनी, मैदा और मैदा से बनी चीजे, केक, कूकीस, जंग फ़ूड,फ़ास्ट फ़ूड, ऑयली फ़ूड, मदिरा, रिफाईनड आयल हो सके तो नहीं खाना चाहिए। पत्ता गोबी, आलू ,फुल गोबी, सोया पनीर (टोफू),मूंगफली,बाजरा आदि बहोत कम खाना चाहिए या अच्छी तरह पकाके खाना चाहिए। आम का आचार न खाए। फ्रिज का ठंडा पानी न पिए।
हाइपो थायरोइड (HYPO THYROID)में क्या जरुर खाए
बादाम, काजू , हरी सब्जी, सभी प्रकार के दाले, डेरी प्रोडक्ट याने दूध, दही आदि, साबुत अनाज,आयोडीन वाला नमक और फल जरुर खाना चाहिए। मगर अगर आपको हाइपो थायरोइड हो ही गया है तो नीचे बताई गई चीजे जरुर खाने चाहिए। दिन में ४ से ५ गिलास गरम पानी पिए।
अलसी (Flax seeds) अलसी में (Linolenic Acid) लिनोलेनिक नाम का एसिड और (Magnesium) मैग्नीशियम होता है।जो शरीर में हामोर्न की गड़बड़ी ठीक करता है। ये एसिड शरीर में आई सुजन को भी ठीक करता है। नियमित अलसी को खाने से थायरोइड के हामोर्न में आई गड़बड़ी को ठीक करती है। अलसी को तवे में सुखा ही डाल के रोस्ट करे। इसे सुबह और शाम भोजन के बाद दो चमच नियमित खाने की आदत डाले।

गेहू के जवारे(Wheet Grass)) गेहू के जवारे में क्लोरोफिल(Chlorofill), सेलेनियम(Celenium), एमिनो एसिड(Amino Acid) और एंजामाइन(Enzymes) होता है। गेहू के जवारे लीवर की बहोत अच्छी सफाई करते है। इसे नेचुरल लीवर क्लीनर(Natural Lever Cleaner) कहा जाता है। निरोगी लीवर त४ से त३ अच्छी तरह बना सकता है। गेहू के जवारे में रहे एमिनो एसिड(Amino Acid) लीवर को T4 से T3 बनाने में मदद करते है।गेहू के जवारे में सेलेनियम(Celenium) होता है जो थायरोइड ग्रंथि में हामोर्न बनाने में मदद करती है।गेहू के जवारे में रहा क्लोरोफिल (Chloroll) शरीर में विटामिन डी बनाता है। जो थायरोइड ग्रंथि में हामोर्न बनाने में मदद करता है। एंजामाइन(Enzymes) आपकी पाचन शक्ति बढाता है। मजबूत पाचन शक्ति से थायरोइड ग्रंथि में हामोर्न बनाने में मदद करती है।
एलोवेरा जूस (Aloyvera)हररोज़ सुबह खाली पेट २० ग्राम एलोवेरा का जूस पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इससे थायरोइड ग्रंथि की सफाई होती है और जहरीले पदार्थ निकल जाते है। थायरोइड ग्रंथि धीरे धीरे ठीक होने लगती है। अपना काम ठीक तरह से करने लगती है। एलोवेरा में कई प्रकार के विटामिन(Vitamin) , खनिज और एमिनो एसिड(Amino Acid) होते है। जो थायरोइड ग्रंथि को detoxify करते है।

अखरोट (Walnut)पुरे दिन में कभी भी ४ से ५ अखरोट जरुर खाए। थायरोइड ग्रंथि आयोडीन(Iodin) की मदद से शरीर में हामोर्न बनाती है। उसी प्रकार ग्रंथि में सेलेनियम(Celenium) की भी जरुरत होती है। जो अखरोट में पाया जाता है। अखरोट नियमित खानेसे इसकी कमी दूर होती है। थायरोइड में हामोर्न ठीक तरह से बनने में मदद मिलती है।
मुलेठी (Licorice Root) शरीर में मुलेठी का काम थायरोइड ग्रंथि में से हामोर्न बहार निकलने का होता है और हामोर्न के लेवल को बढ़ाना होता है। मुलेठी पेट में लीवर की किसी भी समस्या को ठीक कर सकती है। पेट में अल्सर को भी ठीक करती है। थायरोइड की वजह से आपके पाचन सिस्टम में जो गड़बड़ी हुई होती है उसे ठीक कर देती है। इस तरह मुलेठी आपके शरीर में थायरोइड के कारण जो भी नुकशान हुआ होता है उसे ठीक करता है। मुलेठी थायरोइड ग्रंथि मे से हामोर्न बहार निकालनेका काम करता है। इसलिए आपको धीरे धीरे थायरोइड की गोली भी नहीं लेनी पड़ेगी। मुलेठी का छोटा टुकड़ा आपको दिन दो बार चबाना चाहिए।

धनिया का पानी (Coriander water)धनिया का पानी नियमित खाली पेट पीने से थायरोइड में काफी लाभ मिलता है। इसे लगातार ३ महीने पीनेसे और साथ में योग करने से थायरोइड को बैलेंस किया जा सकता है।
धनिये के बिज याने रसोई में डालनेवाले साबूत धनिया को २ चमच पानिमे डालकर रात भर भिगोये और सुबह पानी को उबाले। पानी आधा रहने पर उसे छान ले। फिर गुनगुना होने पर पिए। आप इसे रात को भिजोये बिना सीधा उबालकर भी पी सकते है।
धनिये के पानी को लगातार ३ महीने तक खाली पेट पीने से थायरोइड बैलेंस होता है क्योकि यह पानी वजन कम करता है।
७ से ८ घंटे की नींद (Enough and Sound sleep) थायरोइड होने का मुख्य कारण गलत जीवन पध्धति (Improper life style) है। इसलिए जीवन पध्धति में सुधार लाना जरुरी है। इस में से शहर की नाईट लाइफ मुख्य है। रातको देर तक जागना और दिन में सोना दोनों ही शारीरिक नुकशान दायक है।
पोस्ट जरूर पढ़े: १ मधुमेह/डायबिटीस २. मधुमेह/डायबिटीस के अचूक घरेलु उपचार ३. घुटनो का दर्द ४. धुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे ५. घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग २. ६ ब्लड प्रेशर याने रक्त
योगासन
योगासन में कही ऐसे आसन है जो थायरोइड की ग्रंथि को बैलेंस कर सकता है। उसे नियमित सही तरीके से करनेसे थायरोइड की बिमारी ठीक हो सकती है। कोई भी दवाई या प्रयोग के साथ योगासन जरुरी है। .
कपालभाती ११ बार , उज्जयी प्राणायाम २१ बार , सिंहासन ११बार , भुजंगासन ११ बार,सर्वांगासन ११ बार और अपने गले को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज धुमाना ११बार आदि आसन में से कोई भी आसन, नियमित करनेसे थायरोइड को अचूक ठीक किया जा सकता है।
एक्यूपंचर पॉइंट
हाइपो थायरोइड को कण्ट्रोल करनेका एक और तरिका एक्यूपंचर भी है। ऊपर दिए हुए इमेज में हाथ और पैर में एक्यूपंचर पॉइंट दिए हुए है उसे दबाने से थाइरोइड में तुरंत लाभ होता है। एक्यूपंचर पॉइंट को योगासन और थायरोइड के ऊपर दिये हुए प्रयोग के साथ करना चाहिए।
हायपर थायरोइड (Hyper thyroid)के लक्षण
हाइपो थायरोइड (Hyper thyroid) के दर्दी का पाचन तेज हो जाता है। वजन कम हो जाता है। दिन में कई बार टॉयलेट या दस्तको जाना पड़ता है। इसे कण्ट्रोल नहीं कर सकते है। ह्दय की धड़कन तेज हो जाती है। जिससे पसीना ज्यादा आता है। गर्मी ज्यादा लगती है। मानसिक और शरीरिक थकान बहोत होती है। बहोत भूख लगाती है। स्त्रीयों में मासिक धर्म में गड़बड़ी होना। नींद कम आना। हाथ और पैर में कपकपी आना। बी.पी. बढ़ जाना।थायरोइड ग्रंथि का बड़ा हो जाना। गभराहट होती है। आखो का फूलना और आँखों में जलन होती है। बाल पतले हो जाता है। कैल्शियम की कमी हो जाती है।
हाइपर थायरोइड( Hyper thyroid) में क्या न खाए?
आयोडीन वाला नमक, नमकीन पैकेज्ड फ़ूड, चाय, काफी, शराब, बाजारू पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक्स और जंग फ़ूड न खाए।
हाइपर थायरोइड (Hyper thyroid) में क्या खाए?
गाय का घी, मख्खन, दूध, शतावरी, अश्नावगंधा चूर्ण खाए। नारियेल के तेल का मालिश करना, भूखे नहीं रहना है। बादाम, काजू , अखरोट, पत्तेदार सब्जिया, शहद, सब्जी के सूप लीया, खिचड़ी और घर मे बनी हुई चीजे खाए। हमेशा ताज़ा और हेल्थी खाना खाए। खाना हमेशा समय से खाना खाए।
योगासन
आलोम विलोम, उज्जयी प्राणायाम, कपालभाती, सर्वासन, हलासन, सर्वांगसन और सिंहासन आदि सभी प्रकार के योगासन दोनों ही थायरोइड में लाभकर्ता है। क्योकि योगासन थायरोइड ग्रंथि को बैलेंस करता है। जिससे दोनों ही थायरोइड की कमिया दूर होती है। हायपो और हाइपर दोनों में कोई भी योगासन कर सकते है।
एक्यूपंचर पॉइंट
हाइपर थायरोइड को कण्ट्रोल करने का एक और तरिका एक्यूपंचर भी है। ऊपर दिए हुए इमेज में हाथ और पैर में एक्यूपंचर पॉइंट दिए हुए है उसे दबाने से थाइरोइड में तुरंत लाभ होता है। एक्यूपंचर पॉइंट को योगासन और थायरोइड के ऊपर दिये हुए प्रयोग के साथ करना चाहिए। दोनो ही थाइरोइड में एक्यूपंचर पॉइंट थायरोइड ग्रंथि को बैलेंस करता है।
जरुरी माहिती: इस थायरोइड की पोस्ट में दी गयी माहिती इंटरनेट से ली गयी है। इसमें दिए हुए सभी रोगो के उपचार किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे।
आगे का पढ़े : १ २.
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