सोंठ (सूखा अदरक)

सोंठ अदरक का सूखा पाउडर का रूप है। यह भारत में बहोत ही सरलता से मिलता है। आयुर्वेद में सोंठ का अनेक फायदे बताये गये है। सोंठ ताज़ा अदरक के रूप में हो या सोंठ का पाउडर रूप में हो, अनेक रोग में उपयोगी है। संस्कृत में उसके अनेक नाम दिए गए है। उसे संस्कृत में सौपर्ण, कफहारी, कटु भद्रा, कटुष्ण और विश्वौषध कहा गया है। गुजरात और महाराष्ट्र में इसे सुंठ कहते है।
उसे दिए गए नाम से ही उसका गुण का पता चलता है। कफहांरी मतलब शरीर में रहे हुए कफ को दूर करनेवाला होता है। कटु भद्रा और कटुष्ण उसके कड़वेपन को बताता है। विश्वौषध का मतलब है पुरे विश्व के लिए उपयोगी है। उसका लेटिन नाम जिंजिबर ओफ्फिसिनले है। १०० ग्राम सोंठ में ८० सैलेरी, १. ग्राम कार्बोहैड्रेड, प्रोटीन १. ग्राम और फैट सिर्फ .८ ग्राम याने ना के बराबर होता है। इसमें मिनरल, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, एमिनो एसिड और गिंजरोईल है।
सोंठ की तासीर गर्म है। सोंठ स्वाभाव में चिकना होता है। स्वाद में कटु है। पचने में हलका होता है। पचने बाद उसमे मधुर रस पैदा होता है। शरीर में उत्प्पन हुए वायु और कफ को खत्म कर देता है। मगर पित को बढ़ाता है। इसलिए पिट प्रकृति के लोग इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेद के मुताबित सोंठ के अगणित फायदे है। उसे कही तरह से खाया जाता है। सोंठ जिसमे से बनती है, उस अदरक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। अदरकवाली चाय पुरे भारत में मशहूर है। गरीब से लेकर अमीर हर कोई की पसन्दीदा है। इस अदरक के रूपमे हर रसोई में काम आता है। लहसुन और अदरक की पेस्ट हर रेसिपी की जरुरत है। इस अदरक का जूस निकालकर शहद के साथ लेकर खासी को भगाया जाता है।
अदरक से सोंठ कैसे बनायी जाती है?
अदरक जमींन के नीचे बनता है। उसे जमीं से खोद के निकाला जाता है। इसलिए उसे पहले पानी से रगड़ कर धोया जाता है। इस में लगी पूरी मिटटी को निकाल दिया जाता है। फिर उसका छिलका निकल दिया जाता है। इस १ किलो अदरक में १ बड़ा चमच चुना डालकर धूप मे सुखाया जाता है। ताकि रोग के जीवाणु भीं न रहे। इस अदरक का रस सूख जाए तब सोंठ बन जाती है। इस सुखी हुई अदरक को काटके मिक्श्चर में पिसा जाता है। फिर उस पावडर को कपडे से छाना जाता है। जिसे "सोंठ" पाउडर कहा जाता है। बड़ा आसान तरिका है हर कोई अपने घर में बना सकता है। इस सोंठ को इंग्लिश में इसे ड्राई जिंजर कहते है।
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सोंठ ही एक ऐसी औषधि है, जिसे खाने से पहले, खाने के साथ और खाने के बाद खाया जाता है। क़ुदरतने दी हुई हरेक औषधि में अनेक रोग मिटने की शक्ति है। सोंठ भी अनेक रोगो की औषधि है।
*** सोंठ कोलेस्टरल और हाई बीपी को नियंत्रित करता है : १ गिलास पानी में ५० ग्राम अदरक डाल के उसको उबालो। एक चौथाई पानी का भाग रहे याने की काढ़ा बन जाए तो उसे कांच की बोतल में भर ले। हर सुबह २ चमच काढ़े में सेंधा नमक मिलाकर पीये। इस से शरीर में नसों में रहा ब्लॉकेज खत्म होगा। इस तरह कोलेस्टरल कण्ट्रोल में आ जाता है। रक्त का बहाव नियमित होने पर बीपी भी नियंत्रित हो जाएगा।
*** सोंठ जोड़ो के दर्द मे राहत देता है : सोंठ को अगर मेथी और हल्दी के साथ मिलाकर गुनगुने पानी में लेने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है।
*** सोंठ मोटापा दूर करता है : मोटापा दूर करने के लिए, १ टुकड़े अदरक को कदूकस करके, १ गिलास पानी में डालो। यह पानी को का तीसरा भाग ही रह जाए तब तक उबालो। इस पानी को दिन में तीन बार पीने से मोटापा दूर हो जाएगा। शरीर में नयी ताक़त आएगी
*** सोंठ भूख खोलती और वजन भी बढाती है : किसी व्यक्ति को भूख नहीं लगती है तो भोजन के १ घंटे पहले अगर वह अदरक के टुकड़े पे सेंधा नमक और लिम्बु के ५ से ६ बून्द मिलाकर खा ले तो उसकी भूख खुल जाती है। इस तरह वजन भी बढ़ता है।
*** सोंठ अपचन दूर करती है :अगर किसी व्यक्ति को खाना पचता न हो। थोड़ा खाने के बाद, पेट भारी हो जाता हो। अगर वह खाने के बाद सोंठ को पानी या छाछ में डालकर पि ले तो समस्या हल हो जायेगी।
*** सोंठ कफ दूर करती है : सोंठ के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से शरीर के अंदर रहा हुआ कफ बाहर निकल जाता है।
*** सोंठ वात को दूर कराती है : किसी व्यक्ति को खाने के बाद गैस बनती हो। पेट फूल जाता हो। डकार आते हो। कही बार उलटी होती हो। अगर वह १ चमच सुंठ को १ गिलास गुनगुना पानी में मिलाकर, उसमे चुकीभर सेंधा नमक और काली मिर्च मिळाकर हर सुबह और साम पी ले तो तो सभी समस्या हल हो जायेगी।
*** सोंठ शर्दी खासी और जुकाम को दूर करता है : मौसमी सर्दी जुकाम और ख़ासी को दूर करने के लिए शहद के साथ अदरक का रस मिलाकर पीने से समस्या दूर हो जायेगी।
*** सोंठ पुरुष के वीर्य को गाढ़ा करता है : अगर कोई भी कारण से पुरुष का वीर्य पतला हो गया हो, जिस से संतान उत्पति में समस्या आती हो तो सोंठ के सेवन से वीर्य फिर से गाढ़ा हो सकता है।
*** सोंठ दस्त को मिटाता है : अगर कोई बालक को दूध न पचता हो और दूध पीने के बाद उसे दस्त हो जाते हो। इस बालक को दूध पिलाने से आधा घंटा पहले एक छोटा चमच दूध में सोंठ मिलाकर पिलाया जाए तो दस्त बध हो जाते है।
*** सोंठ आमवात को दूर करता है : जब खाना खाने के बाद सही तरीके से पचता नही है। तब वह शरीर से बाहर निकल ने की बजाय अंदर सड़ने लगता है। इस से शरीर में अनेक बीमारीजनम लेती है। ऐसा व्यक्ति अगर हर सुबह घी के साथ सुंठ का सेवन करे तो इस से छुटकारा पा सकता है।
*** सोंठ मसे की बिमारी समाप्त करता है। : मसा में राहत पाने के लिए सोंठ को गुड़ के साथ लड्डू बनाकर खाने से मसे में राहत मिलती है।
महिला के रोगो का रामबाण इलाज
*** सोंठ महिला को गर्भपात से बचाता है : गर्भपात से महिला के शरीर में कमजोरी आ जाती है। बहुत तनाव से गुजरना पड़ता है। मगर गर्भपात या मिसकैरेज से बचने का सबसे उत्तम उपाय अदरक का सेवन है। इस सोंठ को आप दूध में मुलेठी के साथ करीब ४ से ६ महीने लगातार पिए तो गर्भपात की समस्या ख़त्म हो जाती है।
*** सोंठ महिला को पीरियड्स के दर्द से अधिक मात्रा में खून के बहाव से बचाता है : ज्यादातर महिला को महा वारी में पेट मे अधिक दर्द होता है। या फिर खून का बहाव ज्यादा हो जाता है। जिससे शरीर में कमजोरी आ जाती है। किसी को नियमित महा वारी नहीं आती है।
इस परेशानी से बचने के लिए सोंठ और गुड़ का काढ़ा बनाकर सुबह साम १ से २ चमच लिया जाए तो यह सारी समस्या का अंत हो सकता है। इस काढ़े को बनाने के लिए १ गिलास पानी में आधा चमच सोंठ और थोड़ा गुड़ मिलाकर उसे एक चौथाई पानी हो जाए तबतक उबाले। इस काढ़े को कांच के बोतल में भर दे। प्लास्टिक की बोतल का इस्तमाल कभी न करे। यह काढ़ा हर रोज़ १ चमच सुबह शाम लेने से तकलीफो से छुटकारा मिल जाएगा।
किसे सोंठ का सेवन नहीं करना चाहिए?
*** सोंठ का सेवन पित प्रकृति वाले न करे : सोंठ की तासीर गर्म है। उसका सेवन शरीर में पित को बढ़ाता है। इस से पित प्रकृतिवाले के पित में बढ़ोतरी हो सकत है।
*** सोंठ का सेवन एसिडिटी याने अल्म पित वाले न करे : सोंठ की तासीर गर्म है। इसलिए इसके सेवन से अल्मपित की वृद्धि हो सकती है।
*** सोंठ का सेवन महिलाये महा वारि में न करे : सोंठ की गर्म तासीर की वजह से ही महा वारि में खून का बहाव बढ़ सकता है। इसलिए कमजोरी आ सकती है।
इस तरह सोंठ याने सूखे अदरक के फायदे अनेक है। जब की उसके नुक्सान नहीं के बराबर है। इसलिए इसे "विश्वौषधि" कहते है।
जरुरी माहिती: इस एलोवेरा पोस्ट में दी गयी माहिती इंटरनेट से ली गयी है। इसमें दिए हुए सभी रोगो के उपचार किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे।
आगे का पढ़े : १ एलोवेरा- ध्रुतकुमारी
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