आंवला/आमला/Indian gooseberry/ An Ayurvedic Herb

अनुच्छेद/पेरेग्राफ | शीर्षक |
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१. | सब रोगों की एक दवा |
२. | आंवला सेवन करने का समय और तरीका |
३. | आंवला सेवन के फायदे |
४. | आंवला कौन न खाये या कम खाये? |
आंवला को आयुर्वेद में सब रोगो की एक दवा का उपनाम दिया गया है। आंवला एक अमृत समान औषधि है। कुदरत द्वारा दी गयी मानव जात को अनमोल भेट है। आंवला अच्छी सेहत की रक्षा करने वाला है। उसे हर उम्र के लोग सेवन कर सकते है। बच्चे, जवान और बुढ्ढा व्यक्ति सभी को अच्छी सेहत देने के लिए सक्षम है। आंवला विटामिन सी का भरपूर श्रोत है। कहा जाता है की दो संतरे का विटामिन सी बराबर एक आंवला में होता है। इसलिए उसे इम्युनिटी बूस्टर भी कहते है। आंवला कि तासिर ठंडी होती है।
आंवला त्वचा, बाल, रक्त, पेट, आँख और दिल के लिए अत्यंत फायदेमंद है। आंवला अगणित बीमारी के इलाज का मुख्य भाग है और अनेक रोगो की रामबाण दवा है। मगर इसका नियमित सेवन करना पड़ता है क्योकि यह एक आयुर्वेदिक औषध याने दवाइ है। कोई भी आयुर्वेदिक जड़ीबूटी का सेवन नियमित ही करना पड़ता है।तब ही उसका असर होता है। आंवला का नियमित सेवन मधुमेह, दमा, फेफड़ो की अनेक बिमारी, अल्सर, बालो का जड़ना,याद दास्त कम होना, बवासीर, आँखों की रोशनी कम होना, उम्र के पहले बुढ़ापा आना आदि जैसे कही रोगो के इलाज का मुख्य भाग है।
आंवला सेवन करने का समय और तरीका
आंवला का सेवन करने का सही समय ठण्ड की मौसम में खाली पेट सुबह का समय है। आंवला शरबत बना के पिया जाता है। मगर आप इसे हर मौसम में खा सकते है। इसका स्वाद तुरा होता है इसलिए कही लोगो उसे कच्चा नहीं खा सकते है। ठण्ड के मौसम में ताज़ा आमला मिलता है। इसका पूरा साल उपयोग कर सके इसलिए इस आंवला से चटनी, अचार, और मुरब्बा बना के पूरा साल भोजन के साथ लिया जाता है।आंवला को काटकर धुप में सूखा कर उसका पावडर बना के औषध के लिए उपयोग किया जाता है। आंवला की सबसे महत्त्व और असरदार और इम्युनिटी को बढ़ाने वाला च्यवनप्राश हर उम्र के लिए फायदेमंद है। आंवला को सुखाकर उसकी कैंडी भी बनाकर खाते है।
आंवला सेवन के फायदे
कहा जाता है की, १०० ग्राम आंवला में ५८ केलेरीज होती है। १३ ग्राम कार्बोहायड्रेट, ३. ४ ग्राम फाइबर, ०. १ ग्राम चर्बी , प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। आंवला अनेक रोगो की दवा का मुख्य भाग है। उसके अनेक प्रयोग आयुर्वेद में प्रसिद्ध है। उन में से मुख्य प्रयोग नीचे दिया है। एक महत्त्व का खुलासा ; उस प्रयोग करने से पहले अपने फेमिली डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेकर ही करे।
** एंटी एजिंग याने बूढ़ापे को रोकने वाला : आंवला , गोखरू और गिलोय तीनो के पाउडर को समान मात्रा में मिलाकर सुबह खाली पेट ५ से ६ ग्राम गुनगुना पानी के साथ लेना है। और आधे घंटे के बाद ही कुछ भी खाना है। यह प्रयोग निर्दोष है यानी कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है। इसे रसायन चूर्ण कहते है। जो आयु को बढाती है। आंवला को एंटी ऑक्सीडेंट कहा गया है। याने बढती उम्र को रोकना वाला कहा गया है।
लम्बे समय तक लेने से आंवला इम्युनिटी बढाता है। आंवला में रहा विटामिन सी छोटे मोटे रोगो से रक्षा करता है। गोखरू किडनी के रोगो से रक्षा करता है। गिलोय पेट के रोगो से रक्षा करता है। इस तरह वह शरीर की समस्या को दूर करके, बाहरी रोगो से और आतंरिक अवयवों की रक्षा करता है। इस तरह बुढ़ापे को आने से रोकता है।
** हृदयरोग की समस्या को ठीक करने वाला : हृदयरोग में मरीज़ के नसों में जो खून बहता है वह गाढ़ा हो जाता है। जिस से खून हृदय तक नहीं पहोच पाता है। इस वजह से हार्ट अटैक आता है। आंवला में खून को पतला करने का गुण भी शामिल है। हृदयरोग में होने वाले ब्लॉकेज के परदे को हटाता है। इसलिए आंवला के सेवन से खून पतला बनता है। इसलिए खून के गढ्ढे नहीं होते है। इस तरह आंवला हृदयरोग से बचाता है।
**डायाबिटीस को कंट्रोल करनेवाला : आंवला मे क्रोमियम नामक तत्व पाया जाता है। जो शरीर में रहे इन्सुलिन हार्मोन्स को मजबूत बनाता है। इस तरह ब्लड शुगर कण्ट्रोल हो जाती है। इस के परिणाम स्वरुप मरीज़ को राहत मिलती है। इस में आंवला प्रयोग शहद के साथ करने से जल्दी राहत मिलती है।
** बाल की समस्या को मिटाने वाला : बाल की कोई भी समस्या को दूर करके बाल को चमकीला और घना बनाने के लिए आयुर्वेदिक औषधि रीठा (गुजरात में इसे अरीठा भी कहते है।), शिकाकाई और आंवला के पावडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाना है। इस पेस्ट से नियमित बाल धोने से बाल स्वस्थ, चमकीले, मुलायम और घने बनते है।
** आँखों की रोशनी बढ़ने वाला : आज के इस कम्प्यूटर और मोबाइल के ज़माने में हाथ पैर से ज्यादा आँखों का उपयोग हद से बाहर हो गया है। इसलिए छोटे बच्चे भी चश्मे के नंबर से नहीं बच सकते है। आँखों को स्वस्थ रखने के लिए आंवला का एक प्रयोग है।
आंवला का पिसा हुआ बारीक पावडर को पानी के अंदर भिगोकर दो या तीन घंटे रहने दो। फिर इस आंवले वाले पानी को अच्छी तरह छान लो। इस तरह छानो की उसमे पावडर का ज़रा भी भाग न रहे। सिर्फ पानी ही हो। वरना आँख में पावडर जाने से समस्या हो सकती है। इस पानी को आँखों में डालने से आँखों की गर्मी दूर होती है। आँखों की छोटी मोटी समस्या से राहत मिलती है। आँखों को ठंडक मिलने से चश्मा का नंबर की समस्या नहीं होती है।
**पीलिया को मिटानेवाला : जब इंसान का यकृत कमजोर को जाता है तब पीलिया नामक रोग होता है। इसे ठीक करनेके लिए आंवले को शहद के साथ घोलकर चटनी जैसा बनाकर चाटना चाहिए। इस से यकृत की ताकत बढती है , जिस से पीलिया नियंत्रित होता है।
** कब्ज को ख़तम करनेवाला : आंवला मे फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जो कब्ज होने ही नहीं देता है। आंवला वात पित और कफ तीनो को बराबर करने का काम करता है। आंवला को खाने से कब्ज ठीक हो जाता है। इसका प्रयोग रात को सोते समय ही करना है।
**खून की कमी करनेवाला : अगर किसीके शरीर में खून की कमी है तो आंवला उसका रामबाण इलाज है। खून के प्रवाह को नियमित करता है। खून में रही हुई गंदकी को साफ़ करता है। मृत कोशिका को रिपेयर करता है। इसके लिए आंवला का सुबह के समय लेना उचित माना गया है।
** वजन कम करनेवाला : आंवला शरीर के अंदर रहे हुए टोक्सिन याने गंदगी को बाहर निकालता है। शरीर का वजन कम करनेके लिए सुबह कुछ भी खाने से पहले २ से ३ आंवला का सेवन कोई भी रूप में करे। उसके आधे घंटे के बाद कुछ भी खाये। यह प्रयोग आप हररोज़ कर सकते है। लगभग ६ महीने के प्रयोग से आप पहले ज्यादा स्लिम और ट्रिम हो जाओगे। आप एक नयी ताकत का अनुभव करेंगे।
**घुटने की बिमारी में राहत देनेवाला : आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और कैल्शियम होता है। उसमे रहा हुआ कैल्शियम शरीर की हड्डीको मजबूत करती है और एक नयी ताक़त देती है। जिस से घुटने के दर्द में राहत मिलती है।
**इम्युनिटी बढानेवाला और त्वचा को चमकीला बनाने वाला : आंवला विटामिन सी और कैल्शियम का भंडार है। विटामिन सी आप की इम्युनिटी बढ़ाता है। इस से छोटे मोटे रोग जैसे की खासी, सर्दी , जुकाम और थकान नहीं होता है। कैल्शियम की प्रचुर मात्रा होने के कारण त्वचा चमकीली बनती है। पिम्पल्स याने मुहाने, काले धब्बे आदि नहीं होते है।
**ब्लड प्रेशर (रक्त चाप ) को कम करनेवाला: आंवला की तासीर ठंडी है। इसलिए ब्लड प्रेशर को कम करता है। इस तरह प्रेशर कम होने से मरीज़ को राहत मिलती है।
इस प्रकार आंवला अनेक रोगो के जड़ का इलाज है। अनेक रोगो में आमला अकेला ही इलाज करता है। अनेक रोगो की दवा का मुख्य घटक है।
आंवला कौन न खाये या कम खाये?
**लो ब्लड प्रेशर वाले : क्योकि आंवला की ठंडी तासीर होने के कारण, हाई ब्लड प्रेशर को लो करने में अक्शीर है। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले अगर खाये तो ब्लड प्रेशर और लो हो जाएगा। जो मरीज़ के लिए हानिकारक हो सकता है।
**एसिडिटी वाले मरीज़ : क्योकि आंवला में विटामिन सी अधिक होने से एसिडिटी बढ़ सकती है।
**एलर्जी के मरीज़ : आंवला की ठंडी तासीर के कारण, जिसकी त्वचा सुकी है वह और सुकी हो सकती है। इस कारण त्वचा में खुजली हो सकती है।
**अधीक मात्रा में भी आमला हानि कर सकता है। क्योकि १०० ग्राम आंवला खाने से ५ दिन की "विटामिन सी" की पूर्ति होती है। इसलिए दिन में २० ग्राम आवला शरीर की जरूरियात पूरी कर देता है।
इस तरह आंवला ईश्वर ने दिया हुआ वरदान है। जो हर उम्र के इंसान को कोई भी साइड इफ़ेक्ट के बगैर स्वस्थ रखता है। हर कोई खरीद सके इतने किफायती दाम में मिलता है।
आगे का पढ़े : १ एलोवेरा २.
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