घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग २
इसलिए हमें हमारी दादीमा के रास्ते पर चलना होगा। हमारी सेहत अच्छी रहे और हमें कोई बीमारी न हो। इसलिए हमारी माँ और दादी हमेशा नए नए तरीके ढूढ़ती रहती थी। उदाहरण के तोर पर मेथी को लीजिये। मेथी हमारी सेहत के लिए अत्यंत उपयोगी है। मगर मेथी के पान या दाना खानेको कहे तो हम में से कितने खा सकेंगे? मगर घर के हरेक व्यक्ति की सेहत के लिए सब को खिलाना जरुरी था। इसलिए हमारी माता और दादी ने मेथी के पान की कई तरह की भाजी बनाई जो हम बड़ी आसानी से खा सकते है। मेथी के दानेको पीसकर मेथीपाक की मिठाई बनाई। जो हम सब को पसंद है। ज्यादातर सब ठण्ड की मौसम में खाते है।
इस तरह आनेवाली पीढीको घुटनो के दर्द की बिमारी से बचाने के लिए हम प्रयत्न जरूर कर सकते है। घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे की पोस्ट में हमने देखा की, इस दर्द से बचने के लिए योगासन और जीवन पद्धति में बदलाव जरुरी है। इसके साथ हमें नीचे दिए हुआ नुस्खा जरूर करना चाहिए।
पोस्ट जरूर पढ़े: घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खेभाग- १.१ घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे, मधुमेह/ डायबिटीस का घरेलु उपचार
भारत में सबसे ज्यादा होनेवाला एक अनोखा छोड
आयुर्वेद के अनुसार, सहजन (सरगवा) की सींग और पान में ऐसे कही तत्व है जो घुटनो के दर्द में काफी मददरूप हो सकते है। पूरी दुनिया में सहजन (सरगवा) का छोड़ भारत में सबसे ज्यादा होनेवाला छोड़ है।सहजन (सरगवा) की सींग की तासीर गर्म है। सहजन (सरगवा) केल्सियम, आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए घुटनो के दर्द में काफी मददरूप होता है। सहजन (सरगवा) में विटामिन ए,बी, सी,डी,इ, बी६,फोलिक एसिड,कॉपर, जिंक,बिटा-केरेटिन,मैग्नीशियमऔर पोटेसियम भरपूर मात्रा में है। सहजन (सरगवा) खून में ग्लूकोस के लेवल को सही रखता है। इसलिए वह मधुमेह याने Diabetis के दर्दी को फायदेमंद है। खून को शुद्ध करता है। मर्दो की प्रोटेस्ट और प्रजनन अंग के लिए भी फायदेमंद है। पाचन तंत्र को मजबूत करता है। चिकनपॉक्स से लड़ने में माहिर है। वजन को घटाता है।
सहजन (सरगवा) के पान में भी भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और औषधीय गुण है। एक जानकारी के मुताबित, सहजन (सरगवा) के पान में पालक के पान से २५ गुना आयरन याने लोह तत्व है। दही से ९ गुना प्रोटीन है। दूध से १० गुणा कैल्शियम है। केले से १५ गुना पोटेशीयम है। गाजर से १० गुणा विटामिन ए है। ९० से ज्यादा नूट्रिशियन है। ४०से ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट है।
ऊपर दिए गए विवरण से पता चलता है की सहजन (सरगवा) की सींग हो या पान अनेक पौष्टिक तत्वों से भरे है, जिसके नित्य सेवन से हम जीवन के रोग से बच सकते या लड़ सकते है। सहजन (सरगवा) कि सींग और पान में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में है। इसलिए यह नुस्खा अपनी अगली पीढ़ी और जो घुटनो के दर्द से बचे हुए है उन्हें जरूर करना चाहिए।
सहजन (सरगवो) के पान और पाउडर
सहजन (सरगवा) की सिंग जिसमे बीज कम और गर्भ ज्यादा हो ऐसी सींग ख़रीदे। उसको छिलके समेत बीचमे से दो भाग करे। अब इन सब का आधी उंगली के बराबर छोटा काटे। अब इस कटी हुयी सींग के टुकड़े को सूरज की तेज धुप में सुखाये। इतना सुखाये की एकदम कड़क हो जाए। अब इसे मिक्षर में पीसकर पाउडर बनाये। ये पाउडर आप सालभर उपयोग में ले सकते है। ये पाउडर आप इस तरह दाल, सांभार या कोई भी भाजी में मिक्स करके खा सकते है। बच्चोको पता भी नहीं चलेगा और स्वाद में भी फर्क नहीं पडेगा। इस तरह हररोज़ केल्सियम और आयरन याने लोह शरीर में जाने से हड्डिया मज़बूत होगी। इस तरह घुटनो के दर्द से अगली पीढ़ी को बचाया जा सकता है। सहजन (सरगवा) के पान का पाउडर आयुर्वेद की दुकानों में मिलता है। अगर समय न हो तो पान का पाउडर का उपयोग सरगवे के सींग के पाउडर की जगह कर सकते है।
सहजन (सरगवा) के सींग की भाजी आप सिर्फ एक मौसम में ही खा सकते है। जब की पाउडर आप पुरे साल उपयोग में ले सकते है।
घुटनो के दर्द से आनेवाली पीढ़ी को दूर रखे।
जरुरी माहिती: इस "घुटनो का दर्द" पोस्ट में दी गयी माहिती इंटरनेट से ली गयी है। इसमें दिए हुए सभी रोगो के उपचार किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे।
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