घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग- १.

                                             घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग- १. 


  
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अनुच्छेद/पेरेग्राफ शीर्षक
१. घुटनों के दर्द की जानकारी
२. घुटनो का दर्द क्यों होता है?
३. घुटनो का दर्द न हो उसकी सावधानिया
४. घुटनो का दर्द का इलाज क्या है?
५. आयुर्वेदिक और घरेलु इलाज

घुटनो का दर्द, भारत में हर ५ में से १ व्यक्ति को है। लगभग १८ करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित है। जिसमे महिला की संख्या दुगुनी से ज्यादा है। पहले ये समस्या ५०साल के बाद होती थी। अब ये समस्या  ने ३० साल के युवको भी अपनी पकड़ में ले लिया है। यह समस्या व्यक्ति को परवश बना देती है। हर रोज़ के काम करने में भी दिक्कत होती है। इस का दर्द असह्य होता है। पैर में सूजन से शुरुआत होती है।  धीरे धीरे कई व्यक्ति के पैर से कट कट की आवाज़ आने लगती है। जो एक सिग्नल है। यही से इस समस्या का इलाज शुरू होना चाहिए। मगर इस अवस्था में कोई दर्द नहीं होता है। इसलिए उस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। यह पहली गलती है।

हमारे शरीर में कई जोड़ होते है। इस जोड़ो में कार्टिलेज होती है। जो एक गद्दी के समान होती है।  उसका काम जोड़ो के बीच चिकनाई बनाने का होता है। किसी भी कारण से जब कार्टिलेज पर दबाव आने से घिसने लगती है तब घुटने के जोड़ो के बीच की चिकनाई कम होने लगती है। जिससे दर्द की शुरुआत होती है। फिर चिकनाई कम होने से घुटने की हड्डिया आपस में घिसने लगती है। जिस से असह्य दर्द की शुरुआत होती है। 

तब व्यक्ति इसका इलाज करने की शुरुआत करता है। इसलिए डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर उसे पैन किलर की गोली देकर ताबडतोब राहत देता है। इस से व्यक्ति को आराम मिलता है। दर्द थोड़े समय के लिए नहीं होता है। फिर व्यक्ति को आराम होने से अपना ध्यान हटा देता है। यह उस कि दूसरी गलती है। क्योकि पैन किलर की असर कम होते ही फिर जोड़ो और घुटनो का दर्द शुरू हो जाता है।

इस समय में घुटने की हड्डीया आपस में घिसने से जोड़ो की गद्दी और हड्डियों को इतना नुकशान हो गया होता है की, डॉक्टर उसे घुटने बदलने (Knee Transplant) की सलाह देते है। असह्य वेदना से परेशान होकर व्यक्ति Knee Transplant के लिए तैयार हो जाता है। मगर यह कायमी इलाज नहीं है। क्योकि Knee Transplant में जो कुदरती जोड़ो को निकाल के नया जोड़ लगाया जाता है। अगर ऑपरेशन सफल भी हुआ तो भी, जो नया जोड़ (Knee Replacement)  डाला गया है। उसकी भी समय सीमा (Life) होती है। जो समाप्त होते ही उसे फिर से नया जोड़ लगाना पडता है। इस तरह यह दर्द पूरी जिंदगी की समस्या बन जाता है।

                                                                         घुटनो का दर्द क्यों होता है?

****गलत जीवन पद्धति: आज के युग में आधुनिक यंत्र याने modern devise जैसे की लैपटॉप, मोबाइल्स और इंटरनेट की वजह से शारीरिक श्रम बहोत कम हो गया है। एक जगह पर बैठके ही काम करना पड़ता है। हमारे स्नायु का हलन चलन कम हो गया है। इसलिए मांसपेशिया कमजोर पड जाती है। जिसकी वजह से घुटने कमजोर पड जाते है। और घुटनो का  दर्द  शुरु होता है। 

****मोटापा: आज के युग की मोटापा सबसे बड़ी समस्या है। कहते है की जब किसीका वजन १० किलो बढ़ता है तो उसके जोड़ो पर करीब ५ गुना दबाव याने ५० किलो जितना दबाव आता है। इसकी वजह से जोड़ो की मांसपेशिया कमजोर पड़ने लगती है। इसलिए जोड़ो पर दबाव बनाता है। जो घुटनो के दर्द में परिवर्तित होता है। 

****विटामिन डी और कैल्शियम की कमी:   हड्डियों को मज़बूत रखने  के लिए कैल्सियम अत्यंत ज़रूरी है। कैल्सियम हमें कई तरह के खाने में मिल जाता है। दूध, दूध से बने उत्पादन जैसे पनीर, दही, चीझ आदि। फल जैसे की संतरा, पपैया और केला आदि। बादाम, सोयाबीन्स, पालक आदि। मगर यह कैल्शियम हड्डी में तब ही जाता है, जब हमें विटामिन डी मिले। वरना यह कैल्शियम हड्डी तक नहीं पहुँच पाता है। 

इस विटामिन डी का सबसे बड़ा सोर्स सूर्य प्रकाश है। जो हमारी जीवन पद्धति की वजह से बहोत कम या नहीं  मिलता है। इसलिए खाने से मिला हुआ कैल्सियम हड्डी को मज़बूत नहीं कर सकता है। जिसकी वजह से हड्डिया कमजोर हो जाती है। इसलिए जोड़ो और घुटनो का  दर्द की शुरु होता है। 

****उम्र: उम्र के साथ शरीर की मांसपेशिया कमजोर होती है। खान पान भी घटने लगता है। इसलिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। मांसपेशिया कमजोर होने से जोड़ो पर उनकी पकड़ ढीली पड़ती है। इसलिए भी उठने, बैठने में और चलने फिरने में दिक्कत होने लगाती है। जो जोड़ो  और घुटनो के दर्द का कारण बनती है। 

****शरीर में वात याने वायु के बढ़ने से: शरीर में वात, पित और कफ का संतुलन होना चाहिए। यह संतुलन बिगड़ने से ही शरीर रोग ग्रस्त होता है। शरीर में वात के बढ़ जाने से, यह वात शरीर की जोड़ो की जगह में चला जाता है। जो जोड़ो में मौजूद  चीकनाहट को सूखा देती है। जिस से जोड़ो में अक्कडन आ जाती है। जिस से उठने, बैठने और चलने में दिक्कत होती है। जो जोड़ो और घुटनो का दर्द का कारण बनती है। 

****कब्ज: शरीर की तंदुरस्ती के लिए खाना पचना जरुरी है।  अगर वह पचता नहीं है तो आंत में पड़ा रहता है। शरीर के बाहर नहीं निकलता है। वह सड़ने लगता है। जो शरीर में गैस पैदा करता है। गैस याने वायु जो शरीर के जोड़ो की चिकनाहट ख़त्म करता है। जो अंत में जोड़ो और घुटनो का दर्द  शुरू करता है।  

****अनुवांशिक: जिस के माता पिता को यह तकलीफ है तो उनके वारसदार को भी होने की प्रबल संभावना होतीं है।

****नशा, जंगफ़ूड और खट्टी चीज़: सिगरेट, शराब, जुंग फ़ूड और खट्टे पदार्थ न खाये। यह शरीर में वायु पैदा करते है। 

 पोस्ट जरूर पढ़े: १. घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग-२. २. ब्लड प्रेशर / रक्त चाप  ३मधुमेह  ४आंवला /आमला, ५.सोंठ (सूखा अदरक) 

                                                       घुटनो का दर्द न हो उसकी सावधानिया 

****जीवन पद्धति में बदलाव: आज कल हमारी ज़िन्दगी फ़ास्ट हो गयी है। जीवन में समय का अभाव हो गया है। शहर में तो जैसे दौड़ लगी रहती है। स्वास्थय को नज़रअंदाज किया जाता है। सब पैसे के पीछे दौड़ते है। 

आयुर्वेद के अनुसार, खाना को चबाकर और बैठकर खाना चाहिए। पानी को आराम से और बैठकर पीना चाहिए। पानी अगर खड़े होकर पीते है तो घुटने या जोड़ो की बिमारी होने की प्रबल संभावना है।

                                            Ghutano ka dard jpg  image shows exercise for Arthritis to relax muscles and reduce pain.

****योगासन या जोड़ो की कसरत: अगर स्वस्थ रहना है और जोड़ो और घुटनो के दर्द से बचना है, तो योगासन या जोड़ो की कसरत करनी जरुरी है।

कपालभारती, अनुलोम विलोम, सुक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, गरुड़ासन,वृक्षासन, प्राणायाम करना, मकरासन, पवनमुक्तासन आदि में से आप जो भी आसन कर सके वो करे। इस आसन करने से वात से मुक्ति मिलती है। जिस से आप के जोड़ो और घुटनो के दर्द में कमी आएगी। जो धीरे धीरे ख़त्म हो जायेगा।  

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**** सूरज की धुप:  सुबह ९ बजे तक की सूरज की धुप में बैठना और कैल्सियम युक्त खोराक खाना ताकि खाने का कैल्सियम हड्डी में जाये और हड्डिया मजबूत बने। 

                         Ghutano ka dard jpg image shows ghiloy sticks and leaf, which is known as "Amrita"(means gives life to a patiant) in sanskrit. 

****गिलोय: हर सुबह गिलोय की गोली या कवाथ खाली पेट पिये। बाबा रामदेवजी की आयुर्वेदिक दवाईया असरकारक होती है।

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****मेथी दाना: चुटकी भर मेथीदाना रात को पानी में भिगोकर दूसरे दिन सुबह चबाकर खाये और मेथी का पानी पिए। इस के कारण वायु नहीं होगा। इसलिये घुटनो का  दर्द और जोड़ो का दर्द नहीं होगा। अगर आप चबा कर नहीं खा सकते है तो निगल भी सकते है।

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****आराम दायक जुते: आप को घुटनो का दर्द न हो इसलिए आपको हिलवाले चप्पल या सैंडल नहीं पहनना  है। बुजुर्गो को आरामदायक याने नरम कुशन वाले जुते पहनने है। 

                                                       घुटनो का दर्द का इलाज क्या है?

अगर आप घुटनो का दर्द या जोड़ो का दर्द से पीड़ित है। या इसमें प्रतिदिन बढ़ावा हो रहा है। या आपको असह्य पीड़ा होती है। इस से आप जल्द ही ठीक होना चाहते है। 

तब आधुनिक विज्ञान के पास दो इलाज है। 

****पैन किलर: घुटनो का दर्द असह्य होता है। इसलिए उससे तुरंत आराम पाने के लिए और अपनी रोज की ज़िंदगी को चलाने के लिए व्यक्ति उस  चाहता है। इसलिए वह डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर उसे पैन किलर की गोलीया देते है। अगर आदमी मोटा हो तो मोटापा कम करने के लिए याने वजन कम करने को कहते है। व्यक्ति मोटा न हो तो उसे वजनदार सामान उठाने के लिए  किया जाता है। 

****घुटनो का बदलना: जब डॉक्टर पैन किलर देते है उससे घुटनो के दर्द इलाज नहीं होता है। मगर दर्द को दबा दिया जाता है। जिस से चलने में आराम  रहता है। मगर अंदर नुकशान चालू ही रहता है। जिस से कार्टेज घीस जाती है। चिकनाहट खत्म  है। जोड़ो की हड्डीया आपस में घिसने लगती है। पैन किलर की असर खत्म  होते ही असह्य दर्द  जाता है। आदमी  ठीक से चल नहीं पाता है। 

इस अवस्था में डॉक्टर घुटने बदलने की सलाह देते है। घुटने बदलना काफी महँगा इलाज है। जो एक मिडल क्लास के लिए अनुकूल नहीं है। वह इतना महँगा  इलाज नहीं करवा सकता है। कुदरती  घुटना हटाकर नकली  बिठाना बहोत ही दर्दनाक  इलाज है। नये घुटने की भी लगभग १५ साल की उम्र होती है। वह  खत्म होने के बाद , वही इलाज फिरसे करवाने का सर पर  बोज बना रहता है।

                                         आयुर्वेदिक और घरेलु इलाज  

अगर आप घुटनो का दर्द या जोड़ो का दर्द से पीड़ित है। या इसमें प्रतिदिन बढ़ावा हो रहा है। या आपको असह्य पीड़ा होती है। इस से आप जल्द ही ठीक होना चाहते है। अगर आप में थोड़ा सा धैर्य है तो आप बिलकुल ठीक हो सकते है।

****पैरो की कसरत: सबसे पहले आप को सादी व्यायाम जिसे सूक्ष्म व्यायाम कहते है। उससे रोज़ाना करनी चाहिए। जिससे आपके जोड़ो की अकड़न कम होने लगेगी। आयुर्वेद में नियमित याने हररोज़ कसरत करनी है।

****गरम पानी से शिकाई: अगर पैरो सूजन और दर्द है तो गर्म पानी से शिकाई करने से जोड़ो की नसों की अकड़न ढीली पड़ती है। जिसकी वजह से नसों में खून का बहाव बढ़ता है। जिससे दर्द कम हो जाता है। इस प्रयोग को हररोज़ करना है। 

****इम्युनिटी बढ़ाये: हररोज़ वातरी चूर्ण, गूगल वटी, चंद्रप्रभावटी, गिलोय वटी जरूर लेना चाहिए। जिससे शरीर में वायु नष्ट हो जाएगा और मांसपेसियों में मजबूती आएगी। जिससे इम्युनिटी में बढ़ोतरी होगी।

****कार्टिलेज को पुनःजीवित करे: कार्टिलेज को पुनःजीवित करने के लिए घुटनो पर गरम पानी की शिकाई के साथ ठन्डे पानी की भी शिकाई करनी होगी। इसमें  ४ से ५ मिनट तक गरम पानी की शिकाई करनी है। बाद में करीब २ मिनट तक ठन्डे पानी की शिकाई  करनी है। यह आपको हरदिन करना है। गरम पानी की शिकाई से घुटने की मांसपेसियों की नसे खुल जाती है। रक्त का प्रवाह जो रुक गया था वो फिरसे चालू हो जाता है। उस पर ठन्डे पानी डालने से नसे सिकुड़ती है। जिसकी वजह से मांसपेसियों में रही छोटी नसों तक खून पहोचने लगता है। इस तरह नियमित दोनों शिकाई करने से रक्त का प्रवाह नियमित हो जाता है। इसलिए जो कार्टिलेज को नुकशान पंहुचा था वह ठीक होने लगती है। इस तरह व्यक्ति का दर्द समाप्त हो जाता है। 

****फिर से कार्टिलेज को नुकशान रोकने के लिए: घुटनो का दर्द एक वात का रोग है। जो शरीर में वायु बढ़ जाने से होता है। यह वायु फिर से ना बढ़ जाए इसलिए पेट की सफाई होनी जरुरी है। इसका घरेलु नुसखे है। 

***. १५ दिन में एकबार सोने से पहले, दो बसी गरम चाय बनाये। चाय पीने से पहले १ गिलास पानी पी लीजिये। पहली बसी में चाय के साथ २ चमच अरंडी का तेल (Castor Oil) डाले और उसे पी जाए। उसका स्वाद अजीब होता है इसलिए उसके ऊपर ताबडतोब दूसरी बसी गरम चाय पी लीजिये। अब इस के बाद पानी भी नहीं पीना है।  बाद में पानी पीने से यह नुसखा का असर नहीं होगा। सुबह होते ही पूरा पेट साफ़ हो जाएगा। वात की समस्या नहीं होगी। 

***२.  हर रात को सोते समय, एक चमच मेथी दाना को पानी में भिगो के रख दो। इस मेथी दाना को हरदिन सुबह खाली पेट चबाकर खाओ और ऊपर मेथी का पानी पि लो। इस से भी आपको वायु की समस्या नहीं होगी। अगर आप चबाकर न खा सको तो, आप निगल भी सकते हो। 

***३. हरड़े को आयुर्वेद में वायु के लिए रामबाण औषधि कही गयी है। बाजार में हरड़े की गोली और चूर्ण दो नो मिलते है। जिसको दिन में एकबार लेने से ही वायु की समस्या नहीं होती है। मगर इसे हर १५ दिन के बाद २ से ३ दिन छोड़ दो याने मत खाओ। क्योकि इसकी आदत न पड जाए इसलिए २से ३ दिन के लिए छोड़ना जरुरी है। 

***४. हरड़े, बेहड़ा और आवला तीनो को एक समान मात्रा में मिलाकर हर सुबह खाली पेट लेने से भी वायु  नहीं होती है। पेट भी साफ़ रहता है। इम्युनिटी (रोग प्रतिकारक शक्ति) भी बढती है। 

***. सोंठ, हल्दी और मेथी का पाउडर भी समान  मात्रा में मिलकर सुबह खाली पेट लेने से शरीर में वायु नहीं होती है।  साथ में इम्यूनिटी ( रोग प्रतिकारक शक्ति) भी बढती है। 

ऊपर के कोई भी नुस्खा, जो आप को अनुकूल हो, उसका प्रयोग करके अपनेआप को वातमुक्त रखे। याने की पेट में गैस या वायु न होने दे। हरदिन सूरज की धुप में जरूर टहले। कैल्शियम,आयरन और प्रोटीनयुक्त भोजन करे।जोड़ो और घुटनो का दर्द से कोशो दूर रहे। इस तरह अपनेआप को स्वस्थ रखे। 

क्योकि हिंदी कहा गया है की बीमारी से सावधानी अच्छी। अंग्रेजी में कहा गया है की " Prevation is better than cure" . गुजराती में कहा गया है कि " पहेलु सुख ते जाते नर्या"( सबसे पहला सुख है तंदुरस्त काया)। हमेशा  दर्दनाक और जटिल बीमारी से अपने आप को दूर रखे।

                                                                     घुटनो का दर्द से दूर रहे                                                                                                                                                                  स्वस्थ रहे।  

जरुरी माहिती: इस "घुटनो का दर्द" पोस्ट में दी गयी माहिती इंटरनेट से ली गयी है। इसमें दिए हुए सभी रोगो के उपचार  किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे।

   आगे का पढ़े १.घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग-२.      २. मधुमेह/डायाबिटीस    ३.मधुमेह/डायबिटीस के अचूक घरेलु उपचार.

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