मधुमेह/ डायबिटीस/सुगर की बिमारी के अचूक घरेलु उपचार
अनुच्छेद(पेरेग्राफ) शीर्षक
0१ | एक साइलेंट किलर | |
०२ | बिना खाए उपचार | |
०३ | हल्दी, श्याम तुलसी, बिलिपत्र | |
०४ | कडू करियातु (चिरायता) |
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०५ |
मेथीदाना |
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०६ ०७ ०८ |
करेला | |
०९ | कडुए नीम के पत्ते आम्बली के बिज (आम्ब्लिया) | |
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जाम्बुन हल्दिवाला दूध |
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इस मधुमेह को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसलिए इस से सतर्क रहना जरुरी है। भारत में हर रोग के लिए घरेलु नुसखे होते है। इस तरह मधुमेह / डायाबिटीस के लिए भी है। मगर इस आयुर्वेदिक उपचार को करने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर ले। जो भी आयुर्वेदिक उपचार आपको कारगर लगे उसे करे ताकि आपको भी इस उपचार से फायदा हो।
बिना खाए उपचार कडुए नीम के पत्ते और करेला दोनों सामान मात्रा में लेकर उसे मिक्षर में पीसकर चटनी जैसा बना ले। इस मिक्षर को एक बर्तन में डालकर दर्दी के दोनों पाव इस मिक्षर में रखे। फिर पैर को ऊपर निचे करते रहे। इस प्रकार पैरो को ऊपर निचे करते रहने पर दर्दी को थोडा समय बाद में अपनी जीभ पर कडुवा स्वाद महेसुस होगा। इस प्रयोग को नियमित करने से डायबिटीस (मधुमेह या सुगर की बिमारी) कण्ट्रोल हो जाती है।
हल्दी श्याम तुलसी और बिलीपत्र
**** ५० ग्राम आम हल्दी, बिली पत्र के पान ३० और श्याम तुलसी के १० पान को साथ में कूटकर १ ग्लास पानी डालकर रातभर भिगो के रखे। सुबह इस सबको अच्छी तरह निचोड़ ले। इस पानी को कपडे से छान लो। करीब २१ दिन तक इस पानी को खाली पेट पिए। इस पानी को पीनेके बाद करीब १ घंटे तक कुछ भी न खाये। इससे मधुमेह खत्म हो जाता है।
कडू और करियातु (चिरायता)
**** हर जैन को इस उपचार का पता है। कडु और चिरायता(गुजराती में इसे करियातु कहा जाता है) दोनो को समान मात्रा में लेकर पानी मे डालकर अच्छी तरह उबाला जाता है। जब पानी उबालकर आधा हो जाये तो उसे छान कर पीने के उपयोग में लिया जाता है। यह पानी काफी कडुवा होता है। यह कडुवापन ही डायाबिटीस को होने नहीं देता और अगर कोई डायाबिटीस का रोगी पिए तो उसके डायाबिटीस को काबू में रखता है।
पोस्ट जरूर पढ़े: १. मधुमेह/डायाबिटीस/सुगर की बीमारी भाग-१. २. घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे,३ घुटनो का दर्द और घरेलु नुस्खे भाग २.
मेथीदाना
**** हर रात को छोटी चमच मेथी के दाने को एक कप पानी में भिगोकर रखो। सुबह इस पानी में ही मेथी के दाने को मसलो और खली पेट मेथी के दाने को चबाकर खाओऔर मेथीवाले पानी को पियो। अगर आप मेथी के दाने चबाकर नहीं खा सकते तो निगल जाओ। इस प्रयोग को मधुमेह ख़त्म होनेके बाद भी आप जिंदगी भर कर सकते हो। बहोत ही फायदेमंद प्रयोग है। मधुमेह केसाथ आपकी पाचन समस्या को भी दुरस्त करती है।
**** कडु रस डायबिटीस याने मधुमेह का राम बाण इलाज है। रोज़ सुबह आधा कप करेले का ज्यूस खाली पेट से डायबिटीस पहले कण्ट्रोल में आता है और धीरे धीरे ख़त्म होता है। इस प्रयोग को बिच में हर हप्ते या दस दिन के बाद एक दिन कहा विराम देना जरुरी है।
अगर आप करेले का रस नहीं पी सकते तो करेले के बारीक टुकड़े करके इसे धुप में सूखा दे। सूखे हुए करेले के टुकड़े का पावडर बनाके हररोज़ सुबह १ चम्मच खली पेट पानी के साथ ले।
कडुए नीम के पत्ते
**** कड़वे नीम के पत्ते का रस पीने से भी डायबिटीस याने मधुमेह को खत्म किया जा सकता है। मगर नीम के पत्ते का सेवन नियमित और हररोज़ नहीं करना चाहिए। कहते है की इससे पुरुष के जातीय जीवन कमजोर होता है।
आमली के बिज (आम्बिलिया)
**** आमली के बीज (गुजराती में इसे आम्बीलिया ) कहते है। उसे आग में शेककर पक्का करके खाने से भी डायबिटीस काबू में रहता है।
जाम्बुन
**** जाम्बुन डायबिटीस/मधुमेह का सचोट इलाज माना जाता है। जाम्बुन की सीजन में पेड़ से पके हुए जाम्बुन खाना चाहिए और उसके बीज को धुप में सूखा दे। अच्छी तरह सुखाने के बाद उसे कूटकर पावडर/ चूरन बना दे। अब इस चूरन को खालीपेट सुबह नियमित खाये।
हल्दीवाला दूध
**** रोज सुबह एक गिलास दूध गरम करके इसमें एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से डायाबिटीस काबू में रहता है।
**** रोज़ सुबह और शाम को एक चम्मच हल्दी का पावडर और एक चम्मच आवला पावडर मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से मधुमेह काबू मे रहता है। अगर स्वस्थ आदमी खाये तो उसे मधुमेह नहीं होता है।
आवला
**** अगर किसी को मधुमेह नहीं है और रोज़ सुबह वह आवला का रस का सेवन करता है तो उसे मधुमेह याने डायाबिटीस नही होगा। अगर डायाबिटीस वाला रोज़ सुबह खाली पेट आवला के रस का सेवन करता है तो डायाबिटीस काबू में रहता है।
**** जिसका डायाबिटीस ज्यादा है उसके लिए एक चूर्ण सुबह और शाम नियमित लेना चाहिए। जिसमे जामुन के बीज,कडु नीम के पेड़ आंतरखाल, हरड़े, बहेड़ा को समान मात्रा में मिलाकर रोज़ सुबह खाली पेट नियमित लेने से डायाबिटीस खत्म हो सकती है।
जरुरी सूचना: आयुर्वेद के नुस्खे का असर धीरे होता है। उसे कही महीनो तक करने से रोग जड़ से खत्म होता है। इस आयुर्वेद की दवाई का असर धीरे धीरे दिखाई पड़ता है। इसलिए धैर्य रखकर करे। कहते है इस नुस्खे का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है।
जरुरी माहिती: इस "मधुमेह/ डायबिटीस का घरेलु उपचार" पोस्ट में दी गयी माहिती इंटरनेट से ली गयी है। इसमें दिए हुए सभी रोगो के उपचार किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे।
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