तीर्थंकर पार्श्वनाथ

                                                                    तीर्थंकर पार्श्वनाथ 

           23rd tirthankar Parshva, Parshvanath,Parshvnatha Jainism India, By Ms Sarah Weich, image compressed and resized, Source is licensed under CC BY-SA 4.0

अनुच्छेद/पेरेग्राफ शीर्षक
१. प्रस्तावना
२. तीर्थंकर पार्श्वनाथ का बचपन
३. तीर्थंकर पार्श्वनाथ से जुडा प्रसिद्ध प्रसंग
४. पार्श्वनाथ से तीर्थंकर बनाने का सफर
5. पार्श्वनाथ के अगले नौ पूर्व भव
६. पार्श्वनाथ से केवलज्ञानी पार्श्वनाथ
७. १०८ तीर्थंकर पार्श्वनाथ के नाम, गाँव का पता और  टेलीफोन या मोबाइल नंबर। 
 पार्श्वनाथ
प्रभु जैन धर्म के कुल २४ तीर्थंकर में से २३ वे तीर्थकर है। जैन ग्रंथो के मुजब काल चक्र का अवरोहि भाग का "अवसपिर्णी" चालू है।  इसके चौथे युग में २४ तीर्थंकर का जन्म हुआ था। पार्श्वनाथ जी का जन्म करीब २८९८ साल पहले पौष महीने के कृष्ण पक्ष कि एकादशी को हुआ था। उनके पिता का नाम अश्वसेन और माता का नाम वामादेवी था। वह क्षतिय थे। उनके पिता अग्रसेन वाराणसी के इक्ष्वाकु वंश के राजा थे। 

                                                           तीर्थंकर पार्श्वनाथ का बचपन 

पार्श्वनाथ प्रभु बचपन एक राजकुमार के जैसे व्यतीत हुआ था क्योकि उसके पिता वाराणसी के राजा थे। राजकुआर होने के बावजूद, वह दयालु और  धार्मिक थे। बचपन से जैन धर्म के संस्कार थे। उनके पिता राजा होने के कारण उनका बचपन बहुत ही वैभवी गुजरा। उनके बचपन में सभी तरह के सुख मिले। बचपन में कोई चीज की कमी नहीं थी। मगर जैन धर्म के संस्कार बचपन से ही मौजूद थे। जैन धर्म का अहिंसा का गुन उन्हों ने बचपन से ही अपने जीवन में अपनाये थे। 

                                                          तीर्थंकर पार्श्वनाथ से जुडा प्रसिद्ध प्रसंग  

  
                                  Padmavati Devi Walkeshwar Jain Temple, By Niravgosalia, image compressed and resized, Source is licensed under CC BY-SA 3.0

एक दिन एक साधू, जिनका नाम महिपाल था, अपने यज्ञ के लिए लकड़ी काट रहा थे। अपनी पत्नी के मृत्यु के वियोग में साधु बन गए थे। तब पार्श्वनाथ प्रभु ने देखा की साधु महिपाल जो पेड़ काट रहे थे उनमे नाग और नागिन का जोड़ा है। पार्श्वनाथ प्रभु ने साधू को बताया की पेड़ के अंदर नागिन का जोड़ा है। तब साधु क्रोधित हो गए और बोले क्या तू त्रिकालज्ञानी है? मुझे तो कुछ नहीं दिख रहा। जैसे ही पेड़ में कुल्हाड़ी मारी तो नाग और नागिन घायल और लहूलुहान अवस्था में बाहर गिरे। इस मरते हुए जोड़े को पार्श्वनाथ प्रभु ने णमोकार मंत्र सुनाया। कहते है इस मंत्र के प्रभाव से नाग और नागिन अगले भव में नाग जाती के इंद्र और इन्द्राणी याने धरणेन्द्र और पद्मावती बने।      

यही प्रसंग धार्मिक किताबो में अलग तरीके से बताया गया है। इस किताबो के मुताबिक़ प्रसंग कुछ इस तरह है। पार्श्वनाथ प्रभु जब १६ साल के थे।  अपने महल की खिड़की से बहुत लोगो को हाथ में उपहार के साथ जंगल की ओर जाते देखा तो उन्हों ने अपनी माँ को इस बारे में पूछा। तब उनकी माँ ने बताया की जंगल में तपस्वी साधू कामत आये हुए है। वो पंचाग्नि के जानकार है उसके दर्शन करने राज्य के सभी जा रहे है।

पार्श्वनाथ प्रभु की माँ पार्श्वनाथ प्रभु को लेकर साधु कामत के दर्शन करने गई । तब साधु अपनी पंचाग्नि की विधि में मग्न थे। तभी पार्श्वनाथ प्रभु ने साधु को बताया की आपके यज्ञ की अग्नि में नागका जोड़ा जल रहा है।  यह सुनकर साधू कामत बहुत ही क्रोधित हो गए और साबित करने को कहा। तब लक्कड़हारे को बुलाकर पार्श्वनाथ प्रभु  ने बताये गए लकड़ी को काटा गया तो उनमे से अर्ध जले हुए नाग और नागिन की जोड़ी निकली जो करीब मरने की कगार पर थी। उस मरते होए नाग नागिन के जोड़े को पार्श्वनाथ प्रभु ने णमोक्कार मंत्र सुनाया। इस मंत्र के प्रभाव से इस नाग और नागिन का जोड़े का अगला भव सुधर गया।  उनके अगले जन्म में वह नाग जाती के इंद्र और इन्द्राणी के रूप में धरणेन्द्र और पद्मावती बने। 

कोई भी प्रसंग सच्चा हो मगर उनका भावार्थ एक ही है। मरते हुए नाग नागिन के जोड़े को णमोकार मंत्र पार्श्वनाथ प्रभु  ने सुनाया इसलिए अगले जन्म में यह जोड़ा धरणेन्द्र और पद्मावती बने। उसके निमित पार्श्वनाथ प्रभु बने।

  श्री पार्श्वनाथ तीर्थंकर के १०८ नाम, १०८ तीर्थ का नकशा,  पता और टेलीफोन अन्त मे दिया है।

                                                                      पार्श्वनाथ से तीर्थंकर बनाने का सफर

                                                                                                                                                                                                                                           Parasnath bhagwan, By Dharmendarjain007, image compressed and resized, Source is licensed under CC BY-SA 4.0

पार्श्वनाथ प्रभु अपने सरल स्वाभाव, उच्च कोटि का चरित्र, करुणामयी स्वाभाव और धार्मिक प्रवृति से बहुत ही लोकप्रियता हासिल की थे। जब वह ३० साल के हुए तब कई राज्य के राजा उनके लिए भेट सौगात लेकर आये। उनमे से एक अयोध्या के दूत को जब पार्श्वनाथ प्रभु ने अयोध्या के वैभव के बारे में पूछा तो दूत ने बताया की जिस नगरी में ऋषभदेव, सुमतिनाथ, अजितनाथ, अभिनन्दन नाथ और अनंत नाथ आदि पांच तीर्थकार का जन्म हुआ हो उस भूमि पर तो हरेक कदम पर पुण्य बिखरा पड़ा है। यह सुनकर उन्हें जाती स्मरण ज्ञान से,अपने पूर्व नव जन्म का स्मरण हुआ। उन्हें लगा की इतने भव व्यर्थ हो गए है । इस ज्ञान से उन्हों ने संसार त्याग ने का निर्णय कर लिया। उन्हों ने दीक्षा ग्रहण कर ली। 

                                                         पार्श्वनाथ के अगले नौ पूर्व भव 

पार्श्वनाथ प्रभु के तीर्थंकर बनने से पहले नौ जन्म  लेने पड़े थे। उनका दशवे जन्म पूर्व मरुभूमि नामक ब्राह्मण बने। नवमे जन्म पूर्व  में वज्रघोष नामक हाथी बने। आठवे जन्म पूर्व में १२ वे स्वर्ग में शशीभृह्म नामक देवता बने। सातवे जन्म पूर्व में अग्निवेग विद्याधर नामक राजा बने। छठे जन्म पूर्व मे अच्युत स्वर्ग में सरलता और क्षमा की मरुभूति देव बने।अंत में समाधि मरण से प्राण त्यागकर मानव में जन्म लिया। पांचवे जन्म पूर्व में वज्रनाभि नामक चक्रवर्ती सम्राट बने।राजा के भव में भी उन्हों ने जैन श्रावक का धर्म नहीं भूले। एकबार जेर के बगीचे में पधारे मुनि के प्रवचन सुनकर राजपाट  का त्याग करके दीक्षा लेकर मुनि बन गए। चौथे जन्म पूर्व में अहमिन्द्र स्वर्ग में देवता बने। तीसरे जन्म पूर्व में आनंद नामक राजा बने। दूसरे जन्म पूर्व में आनत स्वर्ग बने। 

राजकुमार पार्श्वनाथ को जाती ज्ञान से अपने पिछले नौ जन्म की याद आई । उन्हें लगा की पूर्व के नौ जन्म व्यर्थ ही गवा दिए। इसलिए इस जन्म को व्यर्थ नहीं करना है,यही सोच से उन्हों ने दीक्षा ग्रहण की और राजा जैसे सुख रूप संसार का त्याग कर दियाऔर पौष महीने की कृष्ण पक्ष की  एकादशी के दिन अश्व वनमे प्रातः काल ३00राजाओ के साथ दीक्षा ली। दीक्षा अवस्था के चार महीने बाद पार्श्वनाथ प्रभु अश्व वन में जब अठ्ठम  [तेला]  तप  का नियम लेकर,  देवदार वृक्ष के नीचे ध्यान अवस्था में थे। 

                                                                                                                                                                                                                                               Image represents 23rd Tinthankar Parshvanath is tortured by his previous birth enemy Shambar Jyotish to break his Tap but saved by a Nag and nagin, to whom, parshvanath prabhu saved in his previous life.

तब अगले जन्म का दुश्मन कमठ का जीव इस जन्म में शम्बर नाम का ज्योतिष देव था। अक्स्मात ही आकाश मार्ग से जा रहा था, अचानक उनका ध्यान तप में लीन पार्श्वनाथ  प्रभु के ऊपर पड़ा। उसे विभंगावधि से पूर्व वैर का पता चला। उसने विमान को रोक दिया। उसने पार्श्वनाथ  प्रभु  के ऊपर  सात दिन तक अगणित उपसर्ग किये। 
शम्बर देव ने ध्यान मग्न पार्श्वनाथ प्रभु के ऊपर मूसलाधार बारिश बरसाई। बड़े बड़े पत्थर शिला के टुकड़े की बरसात की।अग्नि वर्षा की। हाथी और सिंह की भयंकर गर्जना उनके कान पास की गयी।  महा भयंकर वायु के तूफान से पार्श्वनाथ को विचलित करने का प्रयत्न करने लगे। अंत में इतना पानी बरसाया की जंगल के सारे प्राणी जंगल छोड़ कर भाग गए।  पार्श्वनाथ प्रभु के नाक तक पानी आ गया। वह डूबने की कगार पर थे। 

तब पार्श्वनाथ प्रभु ने जिस नाग और नागिन के जोड़े को अग्निकुंड से बचाया था और मरते वक़्त णमोकार मंत्र सुनाया था। मरने उपरांत वह नाग जाती के इंद्र और इंद्राणी के रूप में जन्मे थे। उनमें से एक ने पार्श्वनाथ प्रभु  को, अपनी फणाओ को फैला के पानी के उपसर्ग से सुरक्षित किया और दूसरे ने पार्श्वनाथ प्रभु को अपनी फणा पर उठा लिया। इस तरह ध्यानावस्था में प्रभु की रक्षा की। इतना सब होने के बावजूद,पार्श्वनाथ प्रभु ने सब कुछ समता भाव से सहन किया और ऊपर से आशीर्वाद दिए और बैर मिटा दिया। 

                                                            पार्श्वनाथ से  केवलज्ञानी पार्श्वनाथ 

                                                                                                                                                                                                                                    sri Jiravala Parshvanath, Santhu, By Shanammumbai, image compressed and resized, Source is licensed under CC BY-SA 3.0
पार्श्वनाथ प्रभु ने इतने उपसर्ग सहन करने के बाद, अहिच्छत्र  के आश्रम पद उद्यान में पर लगातार ८३ दिन की कठोर तपस्या की। ८४ वे दिन याने चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ। कैवल्य ज्ञान बाद लोगो को सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और अस्तेय का ज्ञान दिया। यह काम उन्हों ने कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति के बाद १७ साल तक किया। १०० वर्ष की आयु में ३० दिन के संथारे के बाद सम्मेत शिखर पर्वत पर श्रावण माह के शुकल पक्ष की अष्ट noमी को तीर्थंकर पार्श्वनाथ का मोक्ष हुआ। कहते है की तीर्थंकर पार्श्वनाथ अपने ३३ साथिओ के साथ मोक्ष गए थे। 

तीर्थंकर पार्श्वनाथ के इस धारा पर सबसे ज्यादा मंदिर है। तीर्थकर के श्राविकाओं की संख्या ३,२७,००० थी। तीर्थंकर के श्रावको की संख्या १,६४,००० थी। तीर्थंकर की साध्विओ की संख्या ३८,००० थी। तीर्थंकर के साधु की संख्या १६,००० थी। तीर्थंकर के केवली शिष्य १००० थे। तीर्थंकर के ८ गणधर  थे।

तीर्थंकर पार्श्वनाथ के देरासर २४ जैन तीर्थंकरो में सबसे ज्यादा है। १०८ देरासर पुरे भारत में अलग अलग नाम से विद्यमान है। सभी देरासर काफी प्रचलित है। हरेक देरासर का अलग ही महत्त्व और महिमा है।   

तीर्थंकर पार्श्वनाथ के १०८ नाम प्रचलित है। सभी १०८ तीर्थंकर पार्श्वनाथ के नाम दिए है। साथ में जिस मंदिर  बिराजमान है उस जगह पता और कॉन्टेक्ट नंबर भी दिए है। कॉन्टेक्ट नंबर जितना हो सके उतना दिया हुआ है। बाकि कॉन्टेक्ट नंबर मिलते ही समावेश करता रहूंगा। अगर इस वजह से आपको कोई भी यात्रा में तकलीफ हो तो मै "मिच्छामि दुकड्डम" कहता हु।  

                                                                      जय जिनेन्द्र    


For detailed information on the following map: Go to Google Search----  Search 108 Parshwa Tirth Margdarshika----- you will find this map.

क्रमांक तीर्थंकर पत्ता/एड्रेस
१. श्री अजाहरा पार्श्वनाथ मु. पो.अजाहरा, वांछा चौक,जिल्ला जूनागढ़, देलवाड़ा- ३६३२६०                                                      Phone -+91 2875 269355 Mobile- 9574869355. 

२. श्री अलौकिक पार्श्वनाथ मु. हसमपुरा, पो. लेकोड़ा, जिल्ला उज्जैन, मध्य प्रदेश -456006.
 Mobile-94071 41502  Phone-0734-2504500.
३. श्री अमीझरा पार्श्वनाथ मु.पो. गंधार, तालुका वाग रा, जिल्ला भरुच. गुजरात -३९२१४०.                                                          Mobile-99094 15904,   82004 07999. Phone-+91 2641 290 345.                                                                                                     
४. श्री अमृतझरा पार्श्वनाथ मु. पो. जामभाणवड, जिल्ला- जाम नगर
 Mobile- 94281 26512.
५. श्री आनंद पार्श्वनाथ  मु.पो. उंबरी, ता.कांकरेज, जी. बनारसकांठा                                                                               Phone-Pujari Somabhai- +91 9939 17420/  -+91 97240 24057/  Pedhi- +91 2748 235 130.
६. श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ  मु. पो. शिरपुर, जिल्ला आकोला , डिस्ट्री वाशिम, स्टेट  महाराष्ट्.
 Kausalbhai-90675 46999. Ashokbhai bhanasali- 90498 24999
७. श्री आशापुरण पार्श्वनाथ मु.पो. नूंन,जिल्ला सिरोही, मोहब्बत नगर,वाया कालंद्री, राजस्थान
८. श्री अवंति पार्श्वनाथ अनंत पेठ,दाणी दरवाजा, उज्जैन, मध्य प्रदेश- ४५६००६. 
                         Phone: 0734-2585854.
९. श्री बरेजा पार्श्वनाथ श्री बरेजा पार्श्वनाथ जैन देरासर. मु.पो. बरेजा, वाया माधवपुर, जिल्ला पोरबंदर.
                             Phone-(0286) 2263417.                   
१०. श्री भाभा पार्श्वनाथ चांदी  बाजार, चौक माँ चोरीवालु देरासर, जिल्ला जाम नगर - ३६०००१
                              Phone: (0288) 2678400.
११. श्री भद्रेश्वर पार्श्वनाथ मु.पो.भद्रेश्वर , ता. मुंद्रा, जी. कच्छ, गुजरात- 370 411
                               Phone-(02838) 282361, 282312.
१२. श्री भटेवा पार्श्वनाथ कानदासपुरा, मु पो चाणस्मा, जिल्ला मेहसाणा, स्टेट गुजरात-३८४२२०. 
                                Phone-(02734) 223296.
१३. श्री भयभंजन पार्श्वनाथ मु.पो. भीनमाल, जिल्ला जालोर, राजस्थान.
१४. श्री भिड्भंजन पार्श्वनाथ पटेल वाडो,  ऑफिस के पास .पो. खेडा, गुजरात-३८७ ४११.                                                         Phone-+91 2694 222 012. trusty-Shri Prasant bhai-+91 99248 38862 Pankajbhai- +91 98793 45690.
१५. श्री भीलडीया पार्श्वनाथ मु. भीलडी, वाया पालनपुर,ता. डीसा जिल्ला - बनासकांठा ३८५ ५३०                                                         Phone- +91 (2744) 233 130.
१६. श्री भुवन पार्श्वनाथ भोयरा वाडो,मु.पो. खंभात, जी. खेडा-388-620.                                                                                 Phone- +91 2698 220 117/221 816.
१७. श्री चंपा पार्श्वनाथ सालरी वाडो,नारायण जी नो वाडो, मु.पो पाटण जिल्ला-मेहसाणा -३८४ २६५                                               Phone-+91 (2766) 220 559./ 222 278./223604.
१८. श्री चंदा पार्श्वनाथ पटेरा गल्ली नी बाहर, पैलेस रोड, उदयपुर-464770.
१९. श्री चारुप पार्श्वनाथ मु पो चारुप, जिल्ला-पाटण, गुजरात.                                                                                              Phone-+91 2766 277 568/ +91 2766 277 562.
२०. श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ पार्श्व नाथ लेन, भद्रकाली,नासिक सिटी -४२२००१.(Maharashtra)
                                     
२१. श्री चोरवाडी पार्श्वनाथ आथामणा दरवाजो, मु. चोरवाड, वेरावल, जी. जूनागढ़
२२. श्री दादा पार्श्वनाथ मोरी बेडा ,तालुका शिव गंज, जिल्ला शिरोही , राजस्थान
२३. श्री धरणेन्द्र पार्श्वनाथ धमाशा नि नेल, अरवल्ली पहाड़ी
२४. श्री धींगडमल्ल पार्श्वनाथ जिनालय पेढ़ी, जोगी वाडो, मु पो पाटण, उत्तर गुजरात-                                                                       Phone-+91 2766 222 724.
२५. श्री धिया(कम्बोई) पार्श्वनाथ पुराना पता : धिया नो पाडो, पाटण, जिल्ला- मेहसाणा ३८४ २६५ 
नया पता :श्री भुवन भानु , मानस मंदिर,शाहपुर, भिवंडी नासिक हाईवे, महाराष्ट्र.
२६. श्री धृतकल्लोल पार्श्वनाथ मु पो सुधरी , तालुका अबडासा जिल्ला कच्छ
२७. श्री दोकड़ीया पार्श्वनाथ देरासरनी खड़की, मु पो प्रभास पाटण , तालुका-वेरावळ, जिल्ला जूनागढ़-३६२ २६८.
                              Phone:(02876) 231638.
२८. श्री दोहीला  पार्श्वनाथ मु.पो. धोता सकलाणा, जी. बनासकांठा, गुजरात                                                                             Phone-+91 2765 221 172.
२९. श्री दुध्याधरी पार्श्वनाथ मंगलदास भाई नु गृह मंदिर,बाज़ार मा, मु. पो. नवा डीसा
३०. श्री गाडलीया पार्श्वनाथ मु.पो. मांडल,तालुका- वीरमगाम-३८२१३०.
                             Phone-(02715) 253188.
३१. श्री गंभीरा पार्श्वनाथ मु.पो. गंभु, चाणस्मा,जिल्ला मेहसाणा-३८४ ००१.                                                                                    Phone-+91 97142 60694/96240 72096.                                                                 
३२. श्री गिरुआ पार्श्वनाथ शराफ बज़ार, अमलनेर, जिल्ला जळगाव -४२५४०१
३३. श्री गोड़ीजी पार्श्वनाथ विजय वल्लभ चौक, पायधुनी, मुंबई -४००००४ महाराष्ट्र
३४. श्री हमीरपुरा पार्श्वनाथ मु. हमीरपुर, पो. कृष्ण कुंज, जी. सिरोही, राजस्थान
३५. श्री ह्रींकार पार्श्वनाथ कालुशी नी पोळ, कालूपुर, अहमदाबाद - ३८०००१.                                                                               Phone-+91 79 2213 7490.
३६. श्री जीरावला पार्श्वनाथ मु.पो. जीरावला, तालुका रेवदर,वाया -आबू रोड,जिल्ला-सिरोही राजस्थान-३०७००१. 
३७. श्री जोंटीगड़ा पार्श्वनाथ मु. पो मुजपुर, तालुका शमी, जिल्ला मेहसाणा -३८३२४०(उत्तर गुजरात)            
                            Phone- (02733) 281343.
३८. श्री कच्छूलिका पार्श्वनाथ JVRP+R4X, मु.पो. काछोली, तालुका पिंडवाड़ा, शिरोही, राजस्थान-३०७०२३.
                            Mobile-095872 25883.
३९. श्री कल्हारा पार्श्वनाथ श्रीमाली पोल, भरूच- गुजरात ३९२ ००१.                                                                                         Phone +91 2642 262 586.
४०. श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ धोलका खेड़ा रोड, मु. पो. धोलका , जिल्ला अहमदाबाद , स्टेट गुजरात
४१. श्री कल्पद्रुम पार्श्वनाथ ७६२, धिआमेडी, मु,पो मथुरा, उ. प' २८१००१
                                 Phone(562) 25030356  Mobile-09359508007.           
४२. श्री कल्याण पार्श्वनाथ कड़ी दरवाजा , मु. पो विसनगर ,जिल्ला मेहसाणा गुजरात -३८४३१५                                                         Phone-+91 92659 58424.
४३. श्री कामितपुरण पार्श्वनाथ उन्हेल,तालुका खांचरोद, जिल्ला उज्जैन -४५६२२१ मध्य प्रदेश.
                                Phone-07366-240358/ 220237/240252.
                               Munimji-09893741047.
४४. श्री कंकण पार्श्वनाथ सम्पति ट्रस्ट ,मु पाटण, जिल्ला मेहसाणा, गुजरात-३८४ २६५.                                                               Mobile-27662 20559/27662 22278 
४५. श्री कंसारी पार्श्वनाथ खार वाडो, मु. खंभात, जिल्ला- आणंद गुजरात -३८८६२०.                                                                  Phone-+91 2698 226 146/2698 227 276.
४६. श्री करेड़ा पार्श्वनाथ मु. पो. भुशालसागर, जि. चितोड़गढ़. राजस्थान
४७. श्री केसरिया पार्श्वनाथ मु.पो. भद्रावती -४४२९०२ महाराष्ट्र
४८. श्री कोका पार्श्वनाथ कोका नो वाडो,मु.पो. पाटण, मेहसाणा, गुजरात-३८४ २६५.                                                                 Phone-+91 2766 221 747.
४९. श्री कुकड़ेश्वर पार्श्वनाथ मु. कुकडेश्वर, ता. मनसा, जी. मंदसोर
५०. श्री कुंकुमरोल पार्श्वनाथ श्री सुवर्णगिरि श्वेतांबर तीर्थ पेढ़ी, मु.पो. जालोर, राजस्थान
५१. श्री लोढणं पार्श्वनाथ श्रीमाली वागा, शामलाजी नी शेरी, मु. पो.डभोई , जिल्ला वडोदरा,  गुजरात-३९१ ११०.                              Phone-+91 2663 258 150.
५२. श्री लोद्रवा पार्श्वनाथ मु.पो. लोद्रवपुर, जी. जेसलमेर, राजस्थान
५३. श्री मनमोहन पार्श्वनाथ मु.पो. कम्बोई,तालुका चाणस्मा,जिल्ला मेहसाणा
५४. श्री महादेवा पार्श्वनाथ खेतरवासी, पो.पाटण, जिल्ला मेहसाणा ३८४२६५ , स्टेट गुजरात.                                                              Mobile-98798-17121 - भरतभाई.
५५. श्री मनोरंजन पार्श्वनाथ स्टेशन रोड, मेहसाणा, (उत्तर गुजरात) -३८४ ३०१.                                                                                      Phone-+91 76007 23467.
५६. श्री मुहरी पार्श्वनाथ मु.पो. टीटोइ, ता मोडासा जिला साबरकांठा गुजरात - ३८३ २५०.                                                       Phone- +91 94281 33517/+91 2774 266 147.
५७. श्री मक्षी पार्श्वनाथ मु. पो. मक्षी ,शेठ आनदजी कल्याणजी, वाया उज्जैन, जिल्ला: सजपुर-४६५१०६,मध्य प्रदेश.             Phone-07363-233037/ 233338.
                              
५८. श्री मंडोवरा पार्श्वनाथ मु.पो. मुंडावा, ता. सोजत, जी. पाली, वाया -चंडावल, राजस्थान
५९. श्री मनोवांछित पार्श्वनाथ wgv8=685, जैन गल्मुली,मैं बाज़ार, नेर, जी. धुलिया -४२४३०३, महाराष्ट्र
                       Phone-2560 276 500.
६०. श्री मुलेवा पार्श्वनाथ पांजरा पोल, रिलीफ रोड, अहमदाबाद- ३८० ००१.                                                                              Phone-+91 79 2212 3704.
६१. श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ मु. पो.उन्हेल , जिल्ला झालावाड़, स्टेट महला, राजस्थान.
                       Pedhi Phone Number-+91-9784816711/96491 16711.
                       Dharamshala Booking no.-+91-7568558711/9610457111.
६२. श्री नागफणा पार्श्वनाथ मु. पो विहार, तालुका -बीजापुर, जिल्ला मेहसाणा स्टेट गुजरात- ३८२ ८७०.                                                Phone-+91 2763 22 220 209                                     
६३. श्री नवसारी पार्श्वनाथ श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जिनालय, मधुमती कॉलोनी, बड़ा बाजार, नवसारी -३९६ ४४५,                                     Phone-+91 2637 258 882.
६४. श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ मु. पो. मेवा नगर , जिल्ला बाड़मेर, स्टेट राजस्थान
६५. श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ कंपाणी फलिया,,मु. पो मांगरोल, जिल्ला जूनागढ -३६२२२५
६६. श्री नवखंडा पार्श्वनाथ शेठ काला मीठा नी पेढ़ी, भाजी पोल, मु. घोघा, जिल्ला भावनगर-३६४ ११०.
                                    Phone-(0278) 2282335.
६७. श्री नवलखा पार्श्वनाथ नवलचंद्रसुव्रतचंद्र जैन पेढ़ी, गुजराती कटला,मु. पाली
६८. श्री पद्मावती पार्श्वनाथ नरोड बाजार , मु. पो.नरोडा बाज़ार , जिल्ला अहमदाबाद ३८२३२५                                                      Mobile- 79228 1404.
६९. श्री पल्लवीया पार्श्वनाथ मु. पो. पालनपुर, जिल्ला बनासकांठा गुजरात- ३८५ ००१.                                                                       Phone- +91 2742 262 731.
७०. श्री पंचासरा पार्श्वनाथ हेमचंद्र आचार्य चौक, पीपलानी शेरी,जिल्ला मेहसाणा-३8४ २६५,स्टेट गुजरात,                                        Phone-+91 2766 222 278 
७१. श्री फलवृद्धि पार्श्वनाथ मु पो मेड़ता रोड , जिल्ला नागौर, राजस्थान
७२. श्री पोसली पार्श्वनाथ मु.पो. पोसालिया, शिरोहिका वास, स्टे ऐरनपुरा, जी. शिरोही, राजस्थान
७३. श्री पोसीना पार्श्वनाथ .पो नाना सावली, पोसीना, ता. इडर, जिल्ला-साबरकांठा, गुजरात-३८४ ४२०.                                        Phone +91 02778 266 367, +91 97245 72367.                
७४. श्री प्रगटप्रभावी पार्श्वनाथ श्रीमाली बागा, मु. पो.डभोई , जिल्ला वडोदरा गुजरात -३९१ ११०                                                                Mobile- +91 93282 67202.
७५. श्री राणकपुरा पार्श्वनाथ राणकपुर,जी. पाली, स्टे. फालना
७६. श्री रावण पार्श्वनाथ अलवर, राजस्थान,
७७. श्री शंखला पार्श्वनाथ मु पो शंखलापुर, तालुका चाणस्मा, जिल्ला मेहसाणा, स्टेट गुजरात
७८. श्री स्तंभन पार्श्वनाथ खारवाडो,पो. खंभात, जी. खेडा, वाया - आणद-३८८ ६२०                                                                      Phone-+91 26982 20221/26982 21856 
७९. श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ मु. पो.गोपीपुरा, जिल्ला सूरत, स्टेट गुजरात ३९५००१.                                                                        Phone- +91 261 259 5279, Mobile-+91 93752 76873.      
८०. श्री समीना पार्श्वनाथ समीना खेड़ा, जिल्ला उदेपुर, राजस्थान
८१. श्री सम्मेत शिखर पार्श्वनाथ कोडी, मधुवन,पो. शिखरजी, जी.गिरडीह
८२. श्री संकटहरण पार्श्वनाथ मु. पो.कोठरी पाडो, जिल्ला जैसलमेर, स्टेट राजस्थान
८३. श्री सप्तफणा पार्श्वनाथ मु. पो भनमाल, जिल्ला जामनगर , स्टेट सौराष्ट्र
८४. श्री सांवरा पार्श्वनाथ बोरसद
८५. श्री सेरीसा पार्श्वनाथ मु.पो. सेरिसा , स्टे कलोल, जिल्ला गाँधी नगर-३८२ ७२१.
                         Phone-(02764) 250126.
८६. श्री सेसली पार्श्वनाथ मु.पो. सेसली, स्टे फालना, ता. बाली, जी. पाली, राजस्थान
८७. श्री शामला पार्श्वनाथ शामलाजी की पोल,शामलाजी नो  खांचो, मदन गोपाल की हवेली के पास, अहमदाबाद ३८० ००१.                      Phone - Trustri shree Nikhilbhai     Nateshbhai shah +91 93280 85214.                                                             
८८.श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ  मु. पो. शंखेश्वर ता. शमी सौराष्ट्र स्टेट गुजरात.
८९. श्री सिरोडीया पार्श्वनाथ मु. सिरोडी (मोटी), वाया - अनादरा, ता. रेवदर, जी. शिरोही
९०. श्री सोगठीया पार्श्वनाथ धंधा वाडी नी बाजुमा, मु.पो. नाडलाई, ता. देसुरी, राजस्थान
९१. श्री सोम चिन्तामणी पार्श्वनाथ संघवी पोल, बोल पीपला,मु.पो खंभात, जिल्ला खेड़ा वाया आणंद, गुजरात ३८८६२०                                       Phone- yatrik bhavan-+91 2698 220 117/ Pedhi-+91 2698 221 816.
९२. श्री स्फृलिंग पार्श्वनाथ बुध्धिसागरसागरसूरी जैन समाधी, स्टेशन रोड,  मु. पो बीजापुर, जिल्ला मेहसाणा-३८८८७०                        Phone- +91 2763 220 209.
९३. श्री सुखसागर पार्श्वनाथ श्री सीमंधर स्वामी की खड़की, दोशीवाड़ा पोळ, अहमदाबाद, गुजरात ३८० ००१.
                                     Phone:(079) 25383832
९४. श्री (सिध्धिदायक )सुलतान पार्श्वनाथ महेसाणा पालनपुर हाईवे, मु पो सिद्धपुर, जिल्ला मेहसाणा-३८४ १५१                                                        Phone-+91 94298 91850.
९५. श्री सुरजमंडल पार्श्वनाथ हाथीवाला जिनालय, मु. पो.गोपीपुरा, जिल्ला सूरत, स्टेट गुजरात -३९५ ००१                                            Phone- +91 261 259 1333.                                                                                               
९६. श्री स्वयंभू पार्श्वनाथ मु.पो कापरड़ा, सेवड़ी स्टे।, जी. जोधपुर
९७. श्री टांकला  पार्श्वनाथ डंख महेता नो पाडो, मु.पो.पाटण, जिल्ला मेहसाणा ३८४ २६५.                                                                   Phone-+91 2766 220 559/ 222 278.
९८. श्री उव्वसग्गहरं पार्श्वनाथ पारस नगर, मु.पो नगपुरा ,जी. दुर्ग, (छत्तीसगढ़)- ४९१००१।
                                  Phone: +91 -0788-2621201, 2621133.
९९. श्री वही पार्श्वनाथ मु.पो वही, ता. मल्हारगढ़, जी. मंदसौर, पिपलिया मंडी, मध्य प्रदेश.
                                   Phone-0724-241430. Mobile-08989701930.
                                    Manager-09406640103/07697150050.
१००. श्री वाडी पार्श्वनाथ जवेरी वाडो, मु.पो पाटण, जी. मेहसाणा ३८४२६५.                                                                          Phone-+91 2766 220 559/222 278. Dilipbhai Pujari-+91 84694 7835./Kirtibhai Pujari-+91 99250 77947. 
१०१. श्री वंचरा पार्श्वनाथ
१०२. श्री वाराणसी पार्श्वनाथ श्री जैन श्वेताम्बर तीर्थ सोसाइटी,वि -२०/४६, भेलूपुर, वाराणसी ु उ.गु
१०३. श्री वरकाणा पार्श्वनाथ मु.पो.नाडलाई, ता. देसुरी, राजस्थान
१०४. श्री विघ्नपहार पार्श्वनाथ मु.पो. मोटा पोशिना, खेडब्रह्मा, जी. साबरकांठा, गुजरात- ३८३ ४३०.                                                            Phone- +91 2775 283 471/ Mobile - +91 97127 22139.
१०५. श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ डॉ. उत्तमराम स्ट्रीट,निशाल फलिया, रांदेर, सूरत गुजरात-३९५ ००५                                                       Phone-+91 99251 98118.
१०६. श्री विजय चिंतामणि पार्श्वनाथ पार्श्वनाथ नी वाडी, मु.पो. मंडला सिटी, जी. नागोर राजस्थान
१०७. श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ कुंभोजगिरि तीर्थ,पो. बाहुबली हाथकणंगळा,जी. कोल्हापुर
१०८. श्री विमल पार्श्वनाथ वाणियावाड,श्रावको का मोहल्ला .पो. छाणी, स्टे वडोदरा गुजरात-३९१ ७४०.                                            Phone-+91 265 243 2858/Mobile-+91 98250 29077.

                                                                                 जय जिनेन्द्र                                                         

आगे का पढ़े :  १. .क्रिसमस   २.  कुंभ मेला - भाग २                 

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1 comments:

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RT
admin
31 दिसंबर 2020 को 7:35 am बजे ×

Good information about Tritahnkar Parashnath

Congrats bro RT you got PERTAMAX...! hehehehe...
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